लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एमबीए पास युवाओं को जल्द ही सरकारी अस्पतालों में प्रबंधकीय पदों पर रोजगार का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को टीम-9 के साथ बैठक में इसके निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अस्पतालों या कार्यालयों जहां भी डॉक्टरों की तैनाती प्रशासनिक या प्रबंधकीय कार्यों में की गई है, उन्हें तत्काल कार्यमुक्त कर दिया जाए। इन लोगों को चिकित्सकीय कार्यों में ही लगाया जाए। प्रबंधन के कार्यों के लिए आवश्यकतानुसार एमबीए पास युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड केस कम होने के दृष्टिगत गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। अस्पतालों में ओपीडी और आईपीडी सेवाएं, सर्जरी आदि शुरू की गई हैं किंतु वे लोग ही अस्पताल आएं जिनकी स्थिति गंभीर हों। घर से बाहर कम से कम निकलें। यथासंभव टेलीकन्सल्टेशन का उपयोग करें। सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला स्तरीय अस्पतालों में टेलीकन्सल्टेशन की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। अधिकाधिक डॉक्टरों को इससे जोड़ा जाए। लोगों को इस सेवा के उपयोग के लिए जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 67 जिलों में कुल एक्टिव केस की संख्या 600 से कम हो गई है। रिकवरी की स्थिति को देखें तो सोमवार तक चार-पांच और जिलों के भी 600 एक्टिव केस से कम की श्रेणी में आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि देश में सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट करने वाले उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल के तीन लाख 10 हजार 783 मरीजों की पीक की स्थिति के सापेक्ष आज 36 दिवस के बाद 94 प्रतिशत की गिरावट हो चुकी है। राज्य में वर्तमान में 19,438 कोरोना केस एक्टिव हैं। रिकवरी दर 97.6 फीसद हो गई है।