बरेली। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया रियल फॉर कल्चरल, एजुकेशनल, वेलफेयर सोसाइटी और मां गंगा बचाओ वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरण पर सप्तरंग वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रजनीश सक्सेना एवं दिशा निर्देशन राष्ट्रीय महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. मीनाक्षी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शशि भूषण अग्रवाल और मुख्य प्रवक्ता डॉ पूनम सिंह रहे।
इस दौरान एक ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य आकर्षण पर्यावरण गीतमाला रही। इसके साथ ही पर्यावरण पोटली, क्राफ्ट विद पॉलीथिन, पौधा संरक्षण, पर्यावरण स्लोगन आदि में बरेली के साथ ही मथुरा, शाहजहांपुर, फतेहगंज आदि से लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती, और मां गंगा के चित्र पर माल्यार्पण, सरस्वती वंदना एवं विश्व कल्याण के लिए ईश प्रार्थना से हुआ।
डॉ. पूनम सिंह पर्यावरण की स्थिति पर प्रकाश डाला और सोच को सकारात्मक बनाने पर जोर दिया। शशि भूषण अग्रवाल ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए पर्यावरण संबंधी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां दीँ और सकारात्मक रहने के तरीके बताए।
अतिथियों का स्वागत श्रीमती अग्रवाल एवं आभार ज्ञापन प्रोफेसर बीनू सिंह द्वारा किया गया। मंच का संचालन एवं तकनीक कार्यों में समूह के सदस्यों श्रद्धा, मानवी, राहुल, शीतल, राशि का सहयोग रहा। संचालन देवांशी, रशिका और मानवी ने किया। प्रिया श्री, रजत ,श्वेता, महिमा आदि का विशेष विशेष सहयोग रहा।
प्रतियोगिताओं में पर्यावरण पोटली में गौर प्रिया बनर्जी, क्राफ्ट विद पॉलीथिन में बाल प्रतिभागी कीर्ति, पर्यावरण नारा लेखन में राशिका सक्सेना और पर्यावरण पौधा संरक्षण में कीर्ति ने बाजी मारी। पर्यावरण गीतमाला में वसुंधरा, हिमालय, सुरसरिता, और अमर तरंगिनी ग्रुप में से अमर तरंगिनी समूह के प्रतिभागियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रत्येक प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रस्तुति को 101 रुपये का पुरस्कार डॉ.मीनाक्षी चंद्रा द्वारा दिया गया। पर्यावरण पोटली प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रस्तुति को डॉ. रजनीश सक्सेना ने 251 रुपये का पुरस्कार दिए गए। सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिए गए।
डॉ. मीनाक्षी चंद्रा ने कहा कि पर्यावरण और स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ही सकारात्मक सोच समूह का गठन किया गया है। इसके अंतर्गत प्रातः 6 बजे से 7 बजे तक योगासान, प्राणायाम और व्यायाम के साथ ही गंगा, पर्यावरण आदि विषयों पर सकारात्मक चिंतन किया जाता है। अंत में पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई।