लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के मंद पड़ने के साथ ही सरकार ने राज्य कर्मचारियों के स्थानांतरण पर लगी रोक हटा दी है। प्रदेश सरकार की ओर से नई ट्रांसफर पॉलिसी की घोषणा की गई है। साथ ही राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया गया है।

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने मंगलवार को स्थानांतरण पर से रोक हटाने का आदेश जारी किया। अब प्रदेश में किसी भी विभाग में 15 जुलाई तक तबादले हो सकेंगे। कोरोना महामारी के चलते योगी आदित्यनाथ सरकार ने 12 मई 2020 को स्थानांतरण पर रोक लगाई थी।

प्रदेश में मार्च 2018 में घोषित स्थानांतरण नीति के तहत सत्र में तबादले के लिए 31 मई अंतिम समयसीमा निर्धारित की गई थी लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष स्थानांतरण के लिए समय सीमा बढ़ा दी गई है।

इससे पहले भी 2020-21 के सत्र में कोरोना वायरस के भीषण संक्रमण के कारण तबादलों पर रोक लगा दी गई थी। प्रदेश में माहौल कुछ सुधरने के बाद इस वर्ष मार्च से सेकेंड स्ट्रेन ने अपना कहर बरपाया। प्रदेश सरकार ने इसी कारण 2021-22 के लिए भी तबादला नीति तय नहीं की थी। अब स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आने के बाद से प्रदेश सरकार ने तबादला शुरू कर दिया है। प्रदेश में तबादले 15 जुलाई तक होंगे।  

मुख्य सचिव  के तरफ से जारी पत्र में कहा गया है, “सरकारी अधिकारी, कर्मचारी के संबंध में 12 मई 2020 को सभी प्रकार के तबादलों पर रोक लगाई गई थी। अब 2020-2021 के लिए यह व्यवस्था की जाती है कि इस सत्र में 29 मार्च 2018 में विहित प्रावधान के अनुसार, 15 जुलाई 2021 तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे।”

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