नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार का रुख एक बार फिर स्पष्ट कर दिया। साफ कहा कि नए कृषि कानून रद्द नहीं होंगे, हालांकि सरकार इन कानूनों से संबंधित प्रावधानों पर किसी भी किसान संगठन से और कभी भी बात करने को तैयार है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने शुक्रवार को कहा, “कोई कमी नहीं है, भारत सरकार किसान से वार्ता करने को तैयार हैं। रिपील (निरस्त करने) को छोड़कर कानूनों से संबंधित प्रावधान पर कोई भी किसान यूनियन आधी रात को बात करने को तैयार है तो नरेंद्र सिंह तोमर उनका स्वागत करेगा।”
गौरतलब है कि कुछ किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार का कहना है कि वह जरूरत के अनुसार इनमें सुधार करने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार ने इससे पहले भी कई बार संकेत दिए हैं कि किसान संगठनों को सिर्फ इन कानूनों को रद्द करने से इतर कानूनी बिंदुओं पर बात करनी चाहिए, तभी बात आगे बढ़ सकती है।
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा है कि किसानों को सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए कृषि कानूनों को एकदम से निरस्त करने की मांग के बजाए खामियों को स्पष्ट रूप से बताने के बारे में ‘कुछ संकेत’ देने चाहिए।
गौरतलब है कि भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने 29 अप्रैल को कहा था कि जब भी सरकार चाहे, किसान संगठन केंद्र के साथ तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा कानून को रद्द करने के बारे में होनी चाहिए।