नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बीजेपी सांसदों के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन पर संसदीय आचरण पर बात की। पीएम मोदी ने बीजपी सांसदों को नसीहत दी कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। उन्होंने सांसदों के उनका संसदीय आचरण और व्यवहार कैसा होना चाहिए, इसी भी शिक्षा दी। अपने भाषण में पीएम ने सांसदों से अपने संसदीय परिवार (जनता) के साथ ही अपने निजी परिवार की जिम्मेदारी पर भी ध्यान देने को कहा। लेकिन, साथ ही राजनीति में परिवारवाद से बचने की सलाह भी दे डाली।
पीएम ने साफ शब्दों में सांसदों को ये कहा कि नकारात्मक भावना को छोड़कर सकारात्मक भावना के साथ काम करना चाहिए। साथ ही अपने काम को पूरे उत्साह के साथ करना चाहिए। पीएम मोदी ने सांसदों को नसीहत दी कि जनता से वही वादा कीजिए, जो आप पूरा कर सकते हैं। पीएम ने अपना उदाहरण देते हुए सांसदों को समझाया कि आज तक उन पर कोई दाग नहीं लगा, वरना आज मैं आपसे ये बात नहीं कह पाता। अपने काम करने के तरीके की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है, इसमें कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।
सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि अगर पीएम और सीएम का उनका कार्यकाल मिला दें तो, देश के सभी राजनेताओं में उनका कार्यकाल सबसे लंबा है। यानि उनका सत्ता में लगातार बने रहने का कार्यकाल नेहरू और इंदिरा गांधी से भी ज्यादा हो चुका है।
पीएम मोदी ने अभी से सांसदों को 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियां में जुट जाने के लिए कहा। पीएम ने कहा कि सभी सांसदों को कार्यकर्ता भाव से काम करना चाहिए और कहीं भी अहंकार नही आना चाहिए। जो बूथ या सीट हारे, वहां अभी से तैयारी करें ताकि वहां 2024 में जीत मिल सके।