नई दिल्ली। ऐसे समय में जब देश में कई स्थानों पर पेट्रोल की कीमत 107 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है, यह खबर सचमुच राहत देने वाली है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत ने इथेनॉल आधारित “फ्लेक्स-फ्यूल इंजन” को अनुमति देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि “इस योजना को शुरू करने जा रहे हैं और तीन महीने के अंदर इसे लॉन्च किया जाएगा। इससे पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से बड़ी राहत मिलेगी।“
गडकरी ने मंगलवार को कहा कि ब्राजील, अमेरिका और कनाडा समेत कुछ देशों में “फ्लेक्स-फ्यूल इंजन” हैं जो कृषि उत्पादों से संचालित होते हैं। इन देशों में बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज और टोयोटा जैसे वाहन निर्माताओं को वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले वाहनों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
60 से 62 रुपये प्रति लीटर मिलेगा इथेनॉल
गडकरी ने कहा कि स्थानीय रूप से उत्पादित इथेनॉल पर स्विच भारत जैसे देश के लिए मददगार होगा, जो परिवहन क्षेत्र को बिजली देने के लिए कच्चे तेल के आयात पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि यह कम प्रदूषण करने के साथ ही लागत-बचत भी करेगा। एक लीटर इथेनॉल 60 से 62 रुपये प्रति लीटर के बीच आता है जबकि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से भी ज्यादा हो चुकी है। हालांकि, इथेनॉल का कैलोरी मान कम है।
लोगों के पास होगा ईंधन चुनने का विकल्प
वैकल्पिक ईंधन इथेनॉल की कीमत 60-62 रुपये प्रति लीटर है जबकि देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा है। इसलिए इथेनॉल के इस्तेमाल से देश के लोग 30-35 रुपये प्रति लीटर की बचत करेंगे। गडकरी ने कहा, “मैं परिवहन मंत्री हूं, मैं उद्योग के लिए आदेश जारी करने जा रहा हूं कि केवल पेट्रोल से चलने वाले इंजन नहीं होंगे, हमारे पास “फ्लेक्स-फ्यूल इंजन” होंगे। लोगों के पास विकल्प होगा कि वे 100 प्रतिशत कच्चा तेल या 100 प्रतिशत इथेनॉल में किसका इस्तेमाल करें।”
कंपनियां इथेनॉल मॉडल तैयार करें
टीवीएस और बजाज का उदाहरण देते हुए गडकरी ने अन्य वाहन निर्माताओं से अपने खुद के इथेनॉल मॉडल विकसित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि टीवीएस और बजाज सहित भारतीय वाहन निर्माता पहले से ही इथेनॉल पर चलने के लिए दोपहिया वाहन विकसित कर चुके हैं, अपने साथियों से अपने स्वयं के मॉडल विकसित करने के लिए कह रहे हैं।
क्या है फ्लेक्स-फ्यूल इंजन?
“फ्लेक्स फ्यूल इंजन” एक से ज्यादा ईंधन से चलने वाला इंजन होता है। इसमें आमतौर पर इथेनॉल या मिथेनॉल ईंधन के मिश्रण वाले पेट्रोल का इस्तेमाल किया जाता है। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 20 प्रतिशत इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाने का लक्ष्य हासिल करने की समयसीमा 5 साल पीछे कर 2025 कर दी गई है। इसका मकसद प्रदूषण को कम करना और आयात पर निर्भरता को घटाना है। पहले 2030 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल के मिश्रण का लक्ष्य रखा गया था।