बरेली शहर में जाम की समस्या से निजात पाने की सबसे बड़ी उम्मीद डेलापीर एवं कुतुबखाना पर प्रस्तावित उपरिगामी सेतु भाजपा की सरकार में भी ठंडे बस्ते से बाहर नही आ पा रहे हैं। आईवीआरआई का वाई शेप उपरिगामी सेतु बनने के बाद डेलापीर चौराहा शहर का सबसे बड़ा जाम का प्वाइंट बन गया है। इसके समीप सब्जी मंडी, फल मंडी, गल्ला मंडी समिति और कई अस्पताल हैं। इस कारण यहां दिनभर ट्रक एवं छोटे माल वाहक वाहनों की रेलमपेल रहती है। एंबुलेंस के साथ ही निजी दोपहिया और चारपहिया वाहनों का भी भारी दबाव है। इस कारण दिन में किसी भी समय यहां से गुजरना दूभर हो जाता है।
इन पंक्तियों के लेखक ने पूर्व में स्थानीय विधायक के कवर लेटर के जरिये सरकार को पत्र भेजकर डेलापीर पर उपरिगामी पुल की मांग की थी। भाजपा की सरकार में भी मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसका सुझाव भेजा था जिसका नम्बर 11150160069634 है। उस पत्र को मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव अनिता सिंह ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को 14 जून 2016 को अग्रसारित किया था। वहां यह पत्र अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ा है। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक भगवत सरन गंगवार ने भी डेलापीर पर पुल निर्माण के लिए सरकार को पत्र भेजा था। भाजपा के नगर विधायक डॉ अरुण कुमार ने हाल ही में सरकार को पत्र भेजकर डेलापीर पर जल्द उपरिगामी पुल का निर्माण शुरू करवाने की मांग की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बरेली से भाजपा सांसद संतोष कुमार गंगवार भी इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज चुके हैं।
बरेली में फिलहाल तो हालत यह है कि स्मार्ट सिटी होने पर भी डेलापीर और कुतुबखाना के पुलों को लेकर अधिकारी मौन साधे हैं। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का ध्यान जिला अस्पताल में फुटओवर ब्रिज बनवाने की दिशा में अधिक है जिसकी कोई उपयोगिता अब इसलिए नहीं है क्योंकि 300 बेड का अलग हॉस्पिटल कोविड हॉस्पिटल के नाम पर कार्य कर रहा है। कुतुबखाना पर जब उपरिगामी सेतु बनेगा तो जिला अस्पताल का यह प्रस्तावित फुटओवर ब्रिज सबसे बड़ा रोड़ा साबित होगा। जिला अस्पताल में इतनी धनराशि से एक आधुनिक ऑपरेशन रूम बनाकर इस फुटओवर ब्रिज को टाला जा सकता है।
बरेली के लोगों को याद होगा कि मेयर डॉ. उमेश गौतम ने मेयर के चुनाव के दौरान कुतुबखाना पर पुल बनाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। अब देखना है कि डेलापीर और कुतुबखाना उपरगामी सेतु कब तक बन पाते हैं।
स्मार्ट सिटी में अभी तक कहीं भी वाहन पार्किंग तक नहीं बन सकी है। इसके चलते जिलाधिकारी कार्यालय, कचहरी, कुतुबखाना, श्यामगंज के साथ ही व्यस्त बाजारों कॉलेज रोड, जवाहर मार्केट, शास्त्री मार्केट, गली नवाबन, कटरा मानराय, आलमगीरी गंज, बांसमंडी, सिकलापुर, सराय खाम की सड़कें ही वाहन पार्किंग बन गई हैं।
निर्भय सक्सेना
(लेखक पत्रकार संगठन उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं)