लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना काल में निराश्रित हुई महिलाओं का भी सहारा बनेगी। गुरुवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। यह योजना कोरोना वायरस संक्रमण काल में अनाथ होने वाले बच्चों का भविष्य संवारने के लिए शुरू की गई है।

इस मौके पर 4050 बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में 4 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से तीन माह के 12-12 हजार रुपये भेजे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि योजनाओं में जन सहभागिता को शामिल किया जाना चाहिए। इससे योजनाओं के परिणाम अच्छे मिलते हैं। उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों को गोद लेकर उन्हें घर का माहौल देना चाहिए।

मुख्यमंत्री आदित्यानाथ ने कोरोना काल में निराश्रित हुई महिलाओं का भी सहारा बनने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं मार्च 2020 के बाद निराश्रित हुई हैं उनके लिए सरकार जल्द नई योजना लाने जा रही है। ऐसी महिलाओं को अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा। प्रदेश सरकार के रहते कोई भी अपने आपको अनाथ और निराश्रित महसूस नहीं करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों से भी जो बच्चे अनाथ हुए हैं उन्हें भी योजना में शामिल किया जाएगा।

सीएम आदित्यनाथ ने पहले चरण में प्रदेश भर से 4050 बच्चों को आर्थिक सहायता दी। इतना ही नहीं, इनके शिक्षा के साथ ही सुरक्षा का भी व्यापक इंतजाम के लिए प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना तैयार की है। इस योजना के निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा औरक सुरक्षा का जिम्मा सरकार उठाएगी। आज गुरुवार को इसका आगाज हो गया। 18 वर्ष तक की उम्र के निराश्रित बच्चों के अभिभावकों को 4-4 हजार रुपये की पहली तीन किस्त प्रदान की गईं। लखनऊ के साथ ही सभी 75 जिलों में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया।

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