कोरोना के साये में टोक्यो ओलिंपिक शुरू, खाली स्टेडियम में खिलाड़ियों का मार्चपास्ट

टोक्यो। उद्घाटन समारोह और खिलाड़ियों के मार्चपास्ट के साथ टोक्यो ओलिंपिक शुक्रवार को शुरू हो गया। आम तौर पर उद्घाटन समारोह और सभी देशों के खिलाड़ियों का मार्च पास्ट ओलिंपिक गेम्स के मुख्य आकर्षण में एक होते हैं। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी के कारण सिर्फ 1000 खिलाड़ी और अधिकारी ही इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

खिलाड़ियों का मार्च पास्ट 1896 में हुए पहले समर ओलिंपिक गेम्स के आयोजक ग्रीस के दल के साथ शुरू हुआ। इसके बाद रिफ्यूजी खिलाड़ियों का मार्च पास्ट हुआ। खिलाड़ियों के मार्च पास्ट में भारतीय दल 21वें नंबर पर आया। भारतीय दल के मार्च पास्ट में खिलाड़ी और अधिकारी मिलाकर 25 सदस्य शामिल रहे।

इस बार ओलिंपिक में करीब 11,238 खिलाड़ी 33 खेलों में 339 स्वर्ण पदकों के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। उद्घाटन समारोह में जापान के सम्राट नारुहितो भी शामिल हुए हैं। नोबेल शांति पुरस्कार जीत चुके बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस को विशेष ओलिंपिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 स्टेडियम के बाहर विरोध प्रदर्शन

टोक्यो के निवासी कोरोनाकाल में हो रहे इस ओलिंपिक का विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को भी उद्घाटन समारोह से पहले मुख्य स्टेडियम के बाहद प्रदर्शनकारी जमा हुए और ओलिंपिक के विरोध में नारे लगाए।

 कोरोना से जान गंवाने वालों को दी गई श्रद्धांजलि

उद्घाटन समारोह की शुरुआत आम ओलिंपिक खेलों से बिल्कुल अलग रही। लगभग खाली स्टेडियम में सबसे पहले कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।

भातीय दल में 124 खिलाड़ी

इस बार ओलिंपिक में भारत के 124 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। इनमें से 69 पुरुष और 55 महिला एथलीट और बाकी स्टाफ मेंबर्स होंगे। भारतीय एथलीट इस बार 85 मेडल के लिए दावेदारी पेश करेंगे। भारत ने ओपनिंग सेरेमनी के लिए पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और 6 बार की बॉक्सिंग वर्ल्ड चैम्पियन एमसी मेरीकॉम को ध्वजवाहक बनाया।

खुद गले में डालना होगा मेडल

टोक्यो ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाले हर एथलीट का सपना होता है मेडल जीतना। जीत हासिल करने वाले एथलीटों को पोडियम पर मेडल पहनाया जाता है। यह लम्हा उनके जीवन का सबसे यादगार पल भी बन जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण टोक्यो ओलिंपिक में ऐसा नहीं होगा। इस बार विजेता एथलीटों को खुद ही अपने गले में मेडल डालना होगा। साथ ही मेडल सेरेमनी के दौरान एथलीटों के हाथ मिलाने और गले मिलने पर रोक होगी।