बरेली। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का प्रस्ताव जैसे ही राज्यसभा में पास हुआ बरेलियंस में खुशी की लहर दौड़ गयी। अनेक प्रतिष्ठित लोगों ने बरेली लाइव (BareillyLive) से अपने विचार साझा करते हुए देश की जनता को खासतौर से कश्मीर की जनता को मुबारकबाद दी। कहा कि देशवासी आज कश्मीर को अपना और खुद को कश्मीरी महसूस कर रहे हैं। इस फैसले से पीएम और मोटा भाई ने दिल जीत लिया। आइए जानते हैं बरेलियंस की राय-
आज का दिन ऐतिहासिक है। मैं मोदी सरकार की मुक्त कंठ से प्रशंसा करता हूं। अब कश्मीर के लोग सम्मान के साथ एक भारतीय की तरह जीवन जी सकेंगे । उनके विकास में सबसे बड़ी बाधा आर्टिकल 370 का आज खात्मा हो गया । हालाकी यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था । आम कश्मीरी का जीवन स्तर उठेगा । वहां से बेरोजगारी और गरीबी दूर होगी साथ ही विकास के नए कीर्तिमान स्थापित होंगे । इस महत्वपूर्ण अवसर पर समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। वंदे मातरम। डॉ. एम.एस.बासु, प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ
सरकार ने एकदम सही निर्णय लिया है। बातचीत और गले लगाने से अगर कश्मीर समस्या का समाधान होता तो अब तक हो चुका होता। कभी-कभी शक्ति दिखाना भी जरूरी होता है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग प्राचीन काल से था और आगे रहेगा भी यह आज धारा 370 हटने के बाद और स्पस्ट हो गया है। पंकज गंगवार, चेयरमैन न्यूट्रीकेयर बायो साइंस प्रा.लि.
कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर मोदी सरकार ने “एक भारत-श्रेष्ठ भारत“ के संकल्प की ओर एक दृढ़, निर्भीक और राष्ट्रवादी कदम उठाया है। धारा 370 के अंत के साथ ही डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी के एक देश, एक विधान, एक प्रधान, एक निशान का स्वप्न पूरा होता दिख रहा है। दुख और शर्म की बात ये है देश पर 65 साल राज करने वाली पार्टी कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया। सरदार पटेल, बाबा साहेब के अलावा कई नेता शुरू से ही धारा 370 के पक्षधर नहीं थे, लेकिन नेहरू जी की जिद्द के कारण कश्मीर भारत से अलग-थलग सा हो गया। 70 साल बाद नेहरू जी की गलती का सुधार हुआ। गिरीश “भारतीय“, राजनीतिक विश्लेषक
सही मायने में आज महसूस हो रहा है कि जम्मू कश्मीर हमारा है। अब हम वहाँ नौकरी कर सकते हैं, हम ज़मीन भी खरीद सकते हैं। अब वहाँ राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराएगा। जो कानून हिंदुस्तान का है अब जम्मू कश्मीर का भी वही होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साहस को प्रणाम। डॉ. गौरी शंकर शर्मा, वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट, बरेली
इतिहास गवाह है अगस्त क्रांति नवचेतना, नवजीवन को लेकर आई थी और वही नवचेतना आज जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दिखाई दे रही है। हम जबसे चेतन हुए हमेशा कश्मीर मुद्दा सुनते चले आये। कश्मीरियों को अपना कहने का, समझने का मौका नहीं मिला। क्योंकि विगत समय के गर्भ से इतनी विसंगतियां फैली हुई थीं जो हमेशा दूरियां पैदा करती है। देश हमेशा नरेंद्र मोदी, अमित शाह एवं जिस पाठशाला में इन दोनों का चरित्र निर्माण हुआ भारतीय स्वयंसेवक संघ को कभी भी नहीं भुला सकता। मुझे खुशी है कि मैं भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं। वंदेमातरम! शैलेन्द्र विक्रम, भाजपा नेता