अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में निर्माण कार्य तेजी पर है। राम मंदिर निर्माण के लिए तय समय सीमा 2023 के पहले ही रामलला को गर्भगृह में आसीन कराने को दृष्टिगत रखकर ही अब निर्माण कार्य किया जा रहा है। साथ राम मंदिर में मजबूती का भी ध्यान रखा जा रहा है। इस बार विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अपने स्थापना दिवस जन्माष्टमी पर देशभर में अभियान चलाकर राम मंदिर के लिए दान देने वालों का गांव-देहात तक पहुंच कर आभार भी व्यक्त करेगी। इस वर्ष भी अयोध्या किला परिसर में होने वाली फिल्मी रामलीला मंचन में कोविड-19 के कारण दर्शकों को प्रवेश नही मिलेगा और वे इसका सीधा प्रसारण ही अपने घर से ही पूर्व की भांति ही देख सकेंगे।
स्मरण रहे 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य मंदिर निर्माण के लिए रामलला के परिसर में भूमि पूजन किया था। राम मंदिर भूमि पूजन के 5 अगस्त 2021 को 1 वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए।
मंदिर निर्माण के लिए विशेषज्ञों की टीम लगातार राम जन्मभूमि परिसर में ही मौजूद है। कार्यदायी संस्था लार्सन एंड ट्रुब्रो (एलएंडटी), टाटा कंसल्टेंसी और बालाजी के इंजीनियर राम मंदिर की मजबूती को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य करवा रहे हैं। श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र न्यास की प्राथमिकता है कि राम मंदिर हजारों वर्षों तक सुरक्षित रहे और उस हिसाब से ही निर्माण कार्य किया जा रहा है। अब तक नींव भराई का 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। अक्टूबर तक नींव का कार्य पूर्ण होने की आशा है। उसके बाद मिर्जापुर के पत्थरों से नींव का आधार तैयार होगा। राजस्थान के पत्थरों पर नक्काशी का कार्य भी कार्यशाला में जारी है ताकि समय सीमा से पहले काम पूरा हो सके।
ग्रेनाइट पत्थर ललितपुर या जयपुर राजस्थान से मंगाया जाएगा। बुनियाद भरे जाने की समय सीमा 15 सितंबर दी गई थी। अब उससे कुछ दिन पहले ही काम खत्म करने के लिए तैयारी की जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास की योजना है कि 2023 तक अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनाकर गर्भगृह में रामलला को विराजमान करा दिया जाए।
मंदिर निर्माण मेंनिधि देने वाले कई करोड़ भक्तों का विश्व हिंदू परिषद (विहिप) आभार व्यक्त करेगी। वह अपने स्थापना दिवस पर एक बार फिर से इसके लिए (22 से 30 अगस्त 2021 तक) अभियान चलाने पर मंथन कर रही है। स्मरण रहे, 30 अगस्त 1964 को जन्माष्टमी के दिन ही विहिप की स्थापना हुई थी। इस बार विहिप अपने स्थापना दिवस 30 अगस्त 2021 (जन्माष्टमी) पर कार्यक्रम को वृहद स्तर पर मनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इसमें विहिप की अब तक की उपलब्धियों के साथ ही देश और हिंदू समाज के सामने मौजूदा चुनौतियों को लेकर जागृति लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत देशभर के शहर गांव में पांच लाख से अधिक स्थानों पर कार्यक्रम होंगे। इसमें विहिप के केंद्रीय पदाधिकारी भी भाग लेकर राम मंदिर निर्माण में अभी तक की प्रगति से अवगत कराएंगे।
फिल्मी रामलीला में इस बार स्थानीय कलाकार भी होंगे
अयोध्या में दशहरे पर लक्ष्मण किला परिसर में होने वाली रामलीला में इस वर्ष भी कोरोना गाइडलाइन के चलते दर्शकों को अनुमति नहीं मिलेगी पर रामलीला मंचन का लाइव प्रसारण होगा ताकि लोग घर बैठकर ही इसके मंचन को देख सकें। बताया गया है कि रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुभाष मलिक बॉबी ने अपनी टीम के साथ अयोध्या में रामलीला स्थल लक्ष्मण किला परिसर का अवलोकन भी किया। सूत्रों ने कि इस बार अयोध्या की फिल्मी रामलीला में राम, लक्ष्मण, व्यास और तबला वादक अयोध्या के कलाकार ही होंगे। 6 से 15 अक्टूबर 2021 तक शाम को 7 से रात 10 बजे तक प्रतिदिन रामलीला का मंचन होगा।
रामलीला में भरत की भूमिका निभाने वाले कैप्टन राज माथुर ने कहा कि अयोध्या की धरती पर रामलीला मंचन का अंश बनना सौभाग्य की बात है। सुभाष मलिक बॉबी ने बताया कि रामलीला में भाजपा सांसद मनोज तिवारी मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। शहबाज खान रावण, असरानी नारद मुनि, रजा मुराद कुंभकर्ण के किरदार में प्रस्तुति देंगे । शक्ति कपूर इस बार की रामलीला में अहिरावण की भूमिका में दिखेंगे।
भाजपा सांसद व भोजपुरी स्टार रवि किशन परशुराम, शीबा खान मंदोदरी, अमिता नांगिया कैकेयी, राकेश बेदी बाली, अवतार गिल विभीषण की भूमिका में होंगे।
निर्भय सक्सेना
(लेखक पत्रकार संगठन उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।)