टोक्यो। 121 साल के इंतजार का इससे अच्छा समापन हो ही नहीं सकता। नीरज चोपड़ा ने कर दिखाया। भारत का एथलेटिक्स में मेडल जीतने का 121 साल का इंतजार खत्म करते हुए उन्होंने जेवलिन थ्रो में अपने देश को स्वर्ण पदक दिलाया। उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर का थ्रो किया और सीधे सोने पर निशाना साधा। नीरज ने पहले प्रयास में 87.03 मीटर और दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका। तीसरे प्रयास में उन्होंने 76.79 मीटर भाला फेंका। चौथे और 5वें में फाउल और छठे प्रयास में में फाउल थ्रो किया।

86.67 मीटर थ्रो के साथ चेक के जाकुब वेदलेच दूसरे नंबर पर रहे। वहीं 85.44 मीटर के थ्रो के साथ चेक के ही वितेस्लाव वेसेली तीसरे नंबर पर रहे। नीरज ने क्वालिफाइंग राउंड में 86.65 मीटर थ्रो किया था और अपने ग्रुप में पहले नंबर पर रहे थे।

13 साल बाद भारत को सोना

ओलिंपिक गेम्स में 13 साल बाद भारत को किसी इवेंट में स्नो का तमगा मिला है। इससे पहले 2008 में बीजिंग ओलिंपिक निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड जीता था। बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट का गोल्ड अपने नाम किया था।

भारत का अब तक का 10वां गोल्ड

यह ओलिंपिक गेम्स में भारत का अब तक का 10वां गोल्ड मेडल है। भारत ने इससे पहले हॉकी में 8 और शूटिंग में 1 गोल्ड मेडल जीता है। इस तरह यह भारत का यह सिर्फ दूसरा इंडिविजुअल गोल्ड मेडल भी है

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