नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा और कांग्रेस समेत 9 राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया है। अपने-अपने उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामलों को सार्वजनिक नहीं करने पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने यह कार्रवाई की है।
राजनीति में अपराधीकरण खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कई अहम टिप्पणी कीं। उसने कहा कि अदालत ने कई बार कानून बनाने वालों को आग्रह किया कि वे नींद से जगें और राजनीति में अपराधीकरण रोकने के लिए कदम उठाएं। लेकिन, वे लंबी नींद में सोए हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसकी तमाम अपीलें बहरे कानों तक नहीं पहुंच पाई हैं। राजनीतिक पार्टियां अपनी नींद से जगने को तैयार नहीं हैं। अदालत के हाथ बंधे हैं। यह विधायिका का काम है। हम सिर्फ अपील कर सकते हैं। उम्मीद है कि ये लोग नींद से जगेंगे और राजनीति में अपराधीकरण को रोकने के लिए बड़ी सर्जरी करेंगे।
एनसीपी और माकपा पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि कांग्रेस और भाजपा पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना अदालत ने लगाया है। राजद, जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और माकपा पर भी एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते के भीतर चुनाव आयोग को जुर्माना जमा कराने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी कि भविष्य में वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करें अन्यथा इसे गंभीरता से लिया जाएगा। वहीं, कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी को चेतावनी देकर छोड़ दिया।