नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में विशेष अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के दो विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल को दोषी ठहराया है। हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व  आप के 9 अन्य विधायकों को बरी कर दिया है। जिन विधायकों को बरी किया गया है उनमें नितिन त्यागी, रितुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया शामिल हैं।


ये मामला दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट का है। 19 फरवरी 2018 को केजरीवाल के घर पर हुई एक बैठक के दौरान अंशु प्रकाश पर कथित तौर पर हमला हुआ था। इस मामले में केजरीवाल और सिसोदिया समेत 13 आरोपी थे।

आरोपों के मुताबिक अंशु प्रकाश के साथ केजरीवाल की मौजूदगी में उनके विधायकों ने बदसलूकी और धक्कामुक्की की थी। इसके बाद मुख्य सचिव ने रात में ही उप-राज्यपाल से मिलकर इसकी शिकायत की थी। अधिकारियों का कहना था कि केजरीवाल के विज्ञापन को लेकर मुख्य सचिव से विवाद हुआ था। वहीं केजरीवाल सरकार का कहना था कि विवाद 2.5 लाख लोगों को राशन न मिलने को लेकर हुआ था।

ये भी आरोप थे कि केजरीवाल के इशारे पर ही उनके विधायकों ने अंशु प्रकाश के साथ हाथापाई शुरू की थी। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि आप के विधायक ने अंशु प्रकाश को थप्पड़ मारा था। वहीं विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा था कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने ही बदसलूकी शुरू की थी।

इस मामले में विशेष अधालत के फैसले पर मनीष सिसोदिया ने कहा है कि यह न्याय और सत्य की जीत का दिन है। सिसोदिया ने कहा कि कोर्ट ने सभी आरोपों को झूठे और निराधार बताया है। इस झूठे केस से मुख्यमंत्री को बरी कर दिया गया है। हमने पहले ही कहा था कि आरोप गलत हैं। सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि यह भाजपा की साजिश थी।

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