इस्लामाबाद। विश्व बैंक (World Bank), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष
(International monetary fund) समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल होने को लेकर रिपोर्ट जारी करती रही हैं, अब स्वयं पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने स्वीकार किया है कि उनका देश दिवालिया होने के कागर पर पहुंच चुका है।
सोशल मीडिया के साथ देश की अर्थव्यवस्था के संबंध में सवाल जवाब के विशेष सत्र में पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद अमर ने कहा है कि पाकिस्तान का मूल्य ऋण इतनी खतरनाक ऊंचाई पर पहुंच चुका है कि देश दिवालिया होने के कगार के निकट आ गया है। अमर ने कहा, “आप इतने भारी ऋण के बोझ के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जा रहे हैं। हमें इस भारी अंतर को पाटना है।” उन्होंने कहा, “अगर पीएमएलएन समय के नंबर को देखें तो मंहगाई दहाई अंक में थी, हम शुक्रगुजार हैं कि अभी यह उस स्तर को नहीं छू पाई है।“
जियो न्यूज के अनुसार वित्त मंत्री असद अमर ने कहा कि पहले की तरह मंहगाई अभी दहाई अंक नहीं छू पाई है। पहले देखें तो मंहगाई ने समाज के हर वर्ग को समान रूप से प्रभावित किया। यह सही है कि मंहगाई ने गरीबों पर अधिक असर डाला पर हमारे शासन में यह स्थिति भिन्न है, उच्च आय वर्ग की तुलना में गरीब पर महंगाई का अपेक्षाकृत कम प्रभाव हुआ है।
पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने माना कि अर्थव्यवस्था में मंदी है जिसके परिणामस्वरूप रोजगार की दर धीमी है। उन्होंने कहा, “आप कह रहे हैं मेरी सारी नीतियां इशाक डार की तरह ही हैं, इशाक डार का कहना है कि मैंनें अर्थव्यवस्था को चौपट कर डाला। उनके कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार निर्यात नहीं बढ़ा, डालर मजबूत हुआ। पहले की आर्थिक नीतियों की वजह से और इस कारण एक देश के नाते हमें इतना अधिक नुकसान हुआ। यह मांग और आपूर्ति का नतीजा है।”