नई दिल्ली। बहुत ही कम समय में युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक के बीच लोकप्रिय हुए वीडियो ऐप टिक-टॉक को मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट का कहना है कि ये चाइनीज वीडियो एप “आपत्तिजनक कंटेंट” को बढ़ावा देता है। उसने सरकार को इस ऐप को बैन करने का निर्देश दिया है।

हाईकोर्ट ने ऐप के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि TikTok का इस्तेमाल करने वाले बच्चे आसानी से यौन शिकारियों के संपर्क में आ सकते हैं। आपत्तिजनक कंटेट के चलते  TikTok का इस्तेमाल करना खतरे से खाली नहीं है। 

बीजिंग की एक कंपनी द्वारा बनाए गए एप ‘TikTok’ पर यूजर्स अपने छोटे-छोटे वीडियो बनाने के साथ ही उन्हें शेयर भी कर सकते हैं। भारत में ये काफी लोकप्रिय हो गया है। ऐप के जरिए बॉलीवुड के डॉयलॉग और जोक्स पर यूजर्स वीडियो बनाते हैं। इतना ही नहीं, वे इसमें लिप-सिंक से लेकर लोकप्रिय संगीत पर डांस भी करते हैं। 

गौरतलब है कि फरवरी में मीडिया से बात करते हुए, तमिलनाडु के सूचना तकनीक मंत्री ने कहा था कि ऐप पर कुछ कंटेंट काफी “असहनीय” होते हैं। भाजपा के करीबी एक हिंदू राष्ट्रवादी समूह ने भी इस ऐप पर बैन लगाने की बात कही है। दूसरी ओर बीती फरवरी में ही भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा था कि पार्टी ने कुछ TikTok वीडियो देखे और इस प्लेटफार्म को काफी क्रिएटिव पाया।

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