नई दिल्लीउत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में नाबालिग के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। शुक्रवार को हुई सुनवाई के अदालत ने उत्तर प्रदेश के विधायक और मुख्य आरोपित कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आरोप तय किए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस सामूहिक दुष्कर्म से जुड़े पांच मामलों की सुनवाई उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्तानांतरित कर दी गई है।

अदालत ने कहा कि सेंगर के खिलाफ आरोप तय करने के पर्याप्त साक्ष्य है। सेंगर पर आइपीसी की धारा 120b, 363, 366, 109, 376(i) और पॉक्सो एक्ट 3&4 के तहत आरोप तय किए गए हैं।

इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जज से कहा था कि उसकी जांच में साफ हो गया था कि कुलदीप सिंह सेंगर पर चार जून 2017 को पीड़िता के साथ बलात्कार करने और शशि सिंह के साजिश में शामिल होने के आरोप सही हैं। इसी के आधार पर कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि शशि सिंह पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने कुलदीप सिंह सेंगर के घर ले गया। उस वक्त वहां (घर) पर कोई मौजूद नहीं था। सुरक्षाकर्मी भी नहीं थे। पीड़िता ने वहां जाने के बारे में घर में किसी को नहीं बताया था। शशि उसे पीछे के दरवाजे से घर के अंदर ले गया। जैसे ही पीड़िता उसके घर के अंदर प्रवेश कर रही थी, कुलदीप सिंह सेंगर ने उसे दिखाई दिया। उसने पीड़िता का हाथ खींचा और कमरे के अंदर ले गया था।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। पीड़िता को भी इलाज के लिए एम्स लाया गया है। घायल पीड़िता के वकील को भी एम्स लाया गया है जो अभी कोमा में हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि पीड़िता के परिवार वालों के रहने की उचित व्यवस्था एम्स के आस-पास की जाए। साथ ही सीबीआई से गवाहों की सुरक्षा पर सीलबंद रिपोर्ट मांगी गई है। तीस हजारी कोर्ट ने गवाहों के मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी को भी निर्देश जारी किए हैं। साथ ही पीड़ित के वकीलों को केस से जुड़े तमाम दस्तावेज मुहैया करवाने का भी आदेश दिया है।

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