नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के एक हाउसिंग प्रोजेक्ट में रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक द्वारा बनाए गए दो 40-मंजिला टॉवरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। इन टॉवरों को ध्वस्त करने के लिए अधिकारियों को तीन महीने का समय दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ये निर्माण नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम था।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ रियल्टी प्रमुख सुपरटेक लिमिटेड की याचिका पर अपना फैसला सुनाया, जिसमें नोएडा में एमराल्ड कोर्ट परियोजना में इमारत के मानदंडों के उल्लंघन के लिए जुड़वां 40 मंजिला टावरों को ध्वस्त करने और स्वीकृत योजना प्रदान नहीं करने पर निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण, योजनाकारों और बिल्डर सुपरटेक के बीच मिलीभगत को गंभीरता से लिया।