निर्भय सक्सेना, बरेली। बैंकों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों (पेंशनभोगियों) की पेंशन को लागू होने के लगभग 25-26 वर्ष बाद भी अभी तक उच्चीकृत (अपडेशन) नहीं किया गया है। जब भी जो बैंककर्मी रिटायर हुआ, उसकी जो पेंशन निर्धारित की गई वह आज भी उसी स्थिति में है। इस कारण पेंशनर्स की मंहगाई राहत (DR) के सात रेट हैं। पेंशन शुरू होने के समय सेवानिवृत्त हुए बैंक महाप्रबंधक की पेंशन अब सेवानिवृत्त हो रहे क्लर्क से भी कम है जो अत्यन्त गंभीर बात एवं अपमानित करने जैसा ही है और उन वरिष्ठजनों का आर्थिक शोषण है जिन्होंने सम्पूर्ण जीवन बैंक की तरक्की में लगा दिया। फेडरेशन ऑफ बैंक रिटायरिज एसोसिएशन एवं रिटायरिज एसोसिएशन ने केन्द्र सरकार को इन विसंगतियों को दूर करने की मांग/प्रस्ताव पुनः भेजा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पेंशन 29 अक्टूबर 1993 के पेंशन समझोते के बाद सीपीएफ के बदले दी गई थी। एक जनवरी 1986 के बाद के सेवानिवृत्त बैंककर्मियों को पेंशन स्कीम में शामिल होने का विकल्प दिया गया था। उन्हें मिला हुआ सीपीएफ का पैसा और ब्याज वापस करने पर मिली यह पेंशन 1995 से शुरू हुई जिसमें केवल 35% लोगों ने विकल्प दिया। 2010 में दूसरा विकल्प दिया गया जिसमें सीपीएफ की राशि 1.56% अधिक पैसा देकर बैंक कर्मचारियों ने पेंशन चुनी। सीपीएफ के अंशदान से पेंशन फंड बना जो अब 3 लाख करोड़ का है। इसके वार्षिक ब्याज से भी कम पेंशन वितरण के बाद मूल में बचा हुआ ब्याज जुड़ कर पेंशन फंड में वृद्धि हो जाती है।
इस पेंशन समझोते में क्लॉज 12 में लिखा है कि फैमिली पेंशन व पेंशन का अपडेशन किया जायेगा जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरह होगा। भारतीय रिजर्व बैंक में फैमिली पेंशन 30% है। आरबीआई में पेंशन अपडेशन भी 5 मार्च 2019 से स्वीकृत कर दिया गया था। बेसिक पेंशन में मंहगाई राहत (DR) का समायोजन करके उसके बाद 10% वृद्धि देकर पेंशन अपडेशन किया गया जिसके अनुसार 1 जनवरी 1986 से 31 अक्टूबर 2002 तक के पेंशनर्स का 100 रुपये के 363 रुपये, 1 नवम्बर 2002 से 31 अक्टूबर 2007 तक के पेंशनर्स का 100 रुपये के 244 रुपये, 1 नवम्बर 2007 से 31 अक्टूबर 2012 तक के पेंशनर्स का 100 रुपये के 172 रुपये पर अपडेशन किया गया। तदनुसार 1 नवम्बर 2012 से 31 अक्टूबर 2017 तक के पेंशनर्स का 100 रुपये का 163 रुपये पर अपडेशन किया जाए। जूसरी ओर सरकारी बैंकों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन का लागू होने के 25-26 वर्ष बाद भी अब तक अपडेशन नहीं किया गया है। कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के समय उसकी जो पेंशन निर्धारित की गई वही आज भी है। इस कारण डीआर (DR) के भी सात रेट हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने डीएस नाकारा केस में कहा था कि पेंशनर्स के विभिन्न ग्रुप न्यायायोचित नहीं हैं। इसे एक में सीमित कर दिया जाए और अन्य ग्रुप को नये सेवानिवृत्ति लाभ दिए जाएं। पेंशन कोई उपहार/भीख नहीं है, यह deffered wage है। सामाजिक सुरक्षा के तहत जब-जब वेतन समझौता हो पेंशन अपडेशन भी होना चाहिए।
इस समय सरकारी बैंकों के करीब 90 हजार फैमिली पेंशनर हैं। इनमें अधिकतर पेंशनर्स की विधवा हैं। उनकी 11वें वेतन समझौते/ज्वाइंट नोट मे फैमिली पेंशन वृद्धि का प्रस्ताव सरकार की स्वीकृति के लिए 11 नवम्बर 2020 को भेजा गया था। केंद्रीय वित्त मंत्री व डीएफएस ने 25 अगस्त 2021 को स्वीकृत कर बैंक रिटायरीज की विधवाओं को भी सम्मान से जीने का अवसर प्रदान किया है। फैमिली पेंशन जो पहले 5 हजार 633 रुपये न्यूनतम् और 16 हजार 970 रुपये अधिकतम डीए सहित थी, अब 6 हजार 271 रुपये न्यूनतम व 72 हजार 733 रुपये अधिकतम, मूल वेतन का 15% से 30% बिना किसी कैप (सीमा) के वृद्धि 1 अप्रैल 2021 से स्वीकृत कर तीन दशको से चली आ रही विसंगति को सुधारा है। लेकिन, पेंशन अपडेशन नहीं होनें के कारण पांचवें, छठे, सातवें, आठवें, नवें और दसवें समझौते वाले फैमिली पेंशनरों को इसका पूरा लाभ अभी भी नहीं मिल पाया है। मौजूदा वेतन समझौते वाले पेंशनरों से उनकी पेंशन में बड़ा अन्तर है।
ऑल इंडिया बैंक रिटायरीज फैडरेशन, जो दो लाख पचास हजार से अधिक सदस्यता वाला बैंक रिटायरीज का सबसे बड़ा संगठन है, ने पेंशन ढांचे में सुधार के लिए सतत राष्ट्रव्यापी आन्दोलन किया। मार्च 2017 में दिल्ली के जंतर मंतर पर 6 हजार बैक रिटायरीज का धरना हुआ। वर्ष 2018 में 25 हजार ऑनलाइन ज्ञापन पीएमओ को भेजे गये। बैंक रिटायरीज व जनता के पांच लाख हस्ताक्षर युक्त पिटीशन प्रधानमंत्री को भेजी गयी, 100 बडे़ शहरों में धरने/प्रदर्शन हुए। आईबीए चेयरमैन को 4 बार तथा डीएफएस को ज्ञापन भेजा गया।, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष सहित 20 केंद्रीय मंत्रियो व 110 सांसदो को वित्त मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन भेजा गया। 16 बार लोकसभा/राज्यसभा में पेंशन फैमिली पेंशन अपडेशन के प्रश्न उठवा कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया। चार बार वित्त मंत्री से भेंट कर बैंक रिटायरीज की जायज़ मांगों को स्वीकृत करने का आग्रह भी किया गय़ा। सतत् आंदोलन कर सरकार से बैंक रिटायरीज की जायज मांगों पर सहानुभुतिपूर्वक विचार कर बैंक रिटायरीज को भी सम्मान से जीने का अवसर देने का आग्रह किया गया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अक्टूबर 2020 में एक अखबार को दिए इंटरव्यू में, फिर आईबीए की जर्नल कांफ्रेंस में बैक रिटायरीज के प्रति सहानुभुति व्यक्त करते हुए उनकी मांगों पर आईबीए को विचार करने और बैंक यूनियनों से समझौता कर रिटायरीज के पेंशन अपडेशन/फैमिली पेंशन सरकार की स्वीकृत हेतु भेजने का निर्देश दिया। तदनुरूप फेमिली पेंशन का समझौता व सरकार द्वारा स्वीकृत की गयी।
पेंशन अपडेशन के लिए आईबीए ने 6 सदस्यों की कमेटी गठित की गई। इसमें एसएस मलिकार्जुन, एमडी पीएनबी (चेयरमेन पेंशन अपडेशन कमेटी), एमवी राव, एमडी, सेंट्रल बैंक (वाइस चेयरमेन), ओपी मिश्रा, डिप्टी एमडी, स्टेट बैंक, एसएल जैन एमडी, इंडियन बैंक, डी मुखर्जी, जीएम भगत डिप्टी चीफ एक्ज्यूटिव आईबीए शामिल हैं। यह कमेटी है पेंशन अपडेशन पर विचार कर अपनी रिपोर्ट देगी जिस पर विचार कर पेंशन अपडेशन किया जायेगा।
तीन दशक से पेंशन अपडेशन न होनें से महाप्रबंधक सहित हर पद के पेंशनर 11वें समझौते/ज्वाइंट नोट के पेंशनर्स से बहुत कम पेंशन पा रहे और अब तो फैमिली पेंशनर से भी पीछे हो गये जो अत्यंन्त कष्टप्रद व अपमानजनक है। स्मरण रहे जुलाई 1997 के रिटायर महाप्रबंधक को पेंशन मिल रही है 34 हजार 442 रुपये और 1 नवम्बर 2002 के पूर्व के रिटायर महाप्रबंधक को पेंशन मिल रही है 35 हजार 571 रुपये। जबकि 1 नवम्बर 2017 के बाद के रिटायर महाप्रबंधक की पेंशन 86 हजार 111 रुपये है। महाप्रबंधक की मृत्युपरान्त उनकी पत्नी को (1 नवम्बर 2017 के बाद के) 51 हजार 667 रुपये फैमिली पेंशन मिलेगी। इसी प्रकार एक ही पदनाम के पूर्व समझौते के रिटायर वरिष्ठतम जन आर्थिक रूप से पीड़ित हैं ।
प्रांतीय संगठन मंत्री, एफबीआरए व प्रांतीय अध्यक्ष, एबीआरए व जिला मंत्री गोपाल कृष्ण वर्मा का कहना है कि सेवानिवृत्त बैंककर्मी फैमिली पेंशनर से भी पीछे चले जाने से दुखी व अपमानित महसूस कर रहे हैं। पेंशन अपडेशन से ही इस विसंगति का निराकरण सम्भव है। अत: इसमें शीघ्र सुधार किया जाना चाहिए। गोपाल कृष्ण वर्मा के अनुसार जनवरी 1986 से पूर्व के रिटायर्ड को मात्र 2500 रुपये व उनकी पत्नी को 2800 रुपये मिलते हैं, जिन्हें अनुग्रह राशि 2500 से 3000 (350+ डीए) दी जा रही है। अनुग्रह राशि में वृद्धि की जाये, आईबीए ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से मुक्त किया जाये और बैंक प्रीमियम राशि पर पेंशनर्स को सब्सिडी दे।