प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में अब एक सपा नेता का नाम सामने आ रहा है जो दर्जा राज्यमंत्री रह चुका है। वहीं महंत के सबसे करीबी शिष्य रहे आनन्द गिरी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को भी नामजद किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नरेन्द्र गिरि को ब्लैकमेल किया जा रहा था। उनके किसी वीडियो की सीडी तैयार की गई थी। पुलिस ने यह सीडी भी बरामद कर ली है।
महंत नरेन्द्र गिरि के साथ पूर्व में भी सपा के एक पूर्व विधायक महेश नारायण सिंह से मठ की जमीन को लेकर काफी दिनों तक विवाद चला था। बाद में बड़े नेताओं के हस्तक्षेप के बाद इस मामले का पटाक्षेप किया गया। अब दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री का नाम सामने आने के बाद लोग दंग हैं।
महंत नरेन्द्र गिरि के कक्ष से मिले सुसाइड नोट में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसमें उनके सबसे करीबी शिष्य रहे आनन्द गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी के नाम के साथ लिखा है कि वह इनके व्यवहार से आहत थे। सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्होंने पूरा जीवन सम्मान के साथ जिया। उनके दामन में कभी किसी तरह का दाग नहीं रहा। लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें मिथ्या आरोप लगाकर अपमानित किया जिससे वह बेहद दुखी हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वह कौन सा अपमान था जिसने महंत को इस कदर आहत कर दिया।आनंद, आद्या या संदीप, कौन किस बात के लिए कर रहा था परेशान?
सुसाइड नोट में लिखी बातें सामने आने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं जिनका जवाब किसी के पास नहीं है। इन सवालों से सबसे ज्यादा घेरे में आनन्द गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी की भूमिका है।