लखनऊ। उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में कुल 25 प्रस्ताव मंजूर किए गए। युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण के लिए सरकार ने उन्हें टैबलेट या स्मार्टफोन देने का निर्णय किया है। टैबलेट या स्मार्टफोन स्नातक, परास्नातक, बीटेक, पॉलिटेक्निक, पैरामेडिकल, नर्सिंग और कौशल विकास से जुड़े छात्र-छात्राओँ को दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर हुई बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता और एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 60 लाख से एक करोड़ छात्रों को टैबलेट या स्मार्टफोन का वितरण किया जाएगा। इस पर 3,000 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। वितरण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी बनेगी जिसे चिन्हित शिक्षण संस्थानों के माध्यम से पात्र छात्र-छात्राओं की सूची भेजी जाएगी। सरकार की कोशिश होगी कि नवंबर के पहले सप्ताह तक विद्यार्थियों को चिन्हित कर लिया जाए। टैबलेट या स्मार्टफोन की खरीद जेम पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए नोडल एजेंसी औद्योगिक विकास विभाग होगा।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने कानपुर नगर के सर्किट हाउस में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा स्थापित करने का भी निर्णय किया है। प्रतिमा की लागत 37.35 लाख रुपये होगी। यह काम तीन महीने में पूरा किया जाएगा। वाराणसी में मोहनसराय से शहर की ओर जाने वाले रास्ते को 11 किलोमीटर की लंबाई में चौड़ा कर छह लेन बनाने का भी कैबिनेट ने फैसला किया है। इसकी अनुमानित लागत 412.53 करोड़ रुपये होगी। वाराणसी से भदोही जाने वाली सड़क के चेनेज को चार लेन चौड़ा करने का भी कैबिनेट ने फैसला किया है। इसकी लंबाई 8.6 किलोमीटर और अनुमानित लागत 269.1 करोड़ रुपये होगी।
यूपी सरकार ने यह भी फैसला किया है कि निजी बिल्डर्स की ओर से बनाए जाने वाले ईडब्ल्यूएस और एलआइजी श्रेणी के मकानों की रजिस्ट्री के लिए अब खरीददारों को सिर्फ 500 रुपये स्टांप शुल्क अदा करना होगा। इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए लाइसेंस की मंजूरी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की बजाय लेआउट पर दी जाएगी।
कैबिनेट ने असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों को मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ देने का भी निर्णय किया है। मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत श्रमिकों को दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी अपंगता होने पर दो लाख रुपये तक का बीमा कवर मुहैया कराया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को सूचीबद्ध निजी व सरकारी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।