देहरादून। उत्तराखंड में दो दिन से लगातार हो रही बारिश आफत बन गई है। जान-माल की भारी क्षति हुई है। बदरीनाथ हाईवे समेत कई मार्ग मलबा आने से बंद हो गए हैं। मूसलधार बारिश और भूस्खलन की वजह से पौङी जिले में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई है। चम्पावत जिले में एक महिला की मौत हुई, जबकि एक व्यक्ति मलबे में दब गया। उसे निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि राज्य में 20 स्थानों पर भारी वर्षा हुई है। इसके साथ ही बदरी-केदार, यमुनोत्री और धारचूला-मुनस्यारी की ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गईं हैं। मौसम विभाग ने पर्वतीय जिलों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है।
पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल प्रखंड में भारी बरसात के चलते गिरे मलबे में दबने से दो नेपाली महिला मजूदरों और एक बच्ची की मौके पर मौत हो गई है, जबकि अन्य दो घायल हुए है। प्रखंड के लैंसडौन-गुमखाल मोटर मार्ग में ग्राम समखाल के निकट भारी बरसात के चलते पहाड़ी से मलबा गिरने लगा। घटनास्थल के निकट ही काम कर रहे मजदूर सड़क से सौ मीटर नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। मलबा झोपड़ी के ऊपर गिरने के कारण झोपड़ी में रहने वाली समूना (50) पत्नी नियाज हाल निवासी समखाल, सपना(40) पत्नी लिंगडा और अलीसा (चार साल) पुत्री सपना की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, निजाज पुत्र मुमताज (55) हाल निवासी समखाल और सविया(16) पुत्री नियाज घायल हुए है।सूचना पर लैंसडौन से कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर और राजस्व निरीक्षक वंदना टम्टा मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गए।