प्रकाश नौटियाल, देहरादून : देवभूमि उत्तराखंड में मंगलवार का दिन कुमाऊं मंडल के लिए सबसे ज़्यादा भारी रहा। सुबह की शुरुआत नैनीताल जिले में बादल फटने से हुई। इससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई और मलबे में 10 से 12 लोग दब गए। प्रशासन का कहना है कि कुछ लोगों को बचाव कार्य कर बचा लिया गया है। नैनी झील का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह रहा है। नैनीताल जिले की ही धारी तहसील के चौखुटा गांव में भूस्खलन की जद में आए मकान में एक ही परिवार के छह लोगों की दबकर मौत हो गई। भारी बरसात और भूस्खलन के कारण बीते 48 घंटे के भीतर राज्य में 30 से अधिक लोगों की मौत होना बताया जा रहा है। गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग ने चमोली में तीन दिन के लिए हाई अलर्ट जारी किया है। राज्य में कई जगह मार्ग बन्द हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारी बारिश का सामना कर रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की है। मंगलवार को उन्होंने राज्य की बिगड़ी हुई स्थिति का जायजा लिया। सीएम धामी के अलावा पीएम मोदी ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट से भी चर्चा की है। मुख्यमंत्री ने हेलीकाप्टर से आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। हालात बेकाबू होने पर नैनीताल में सेना की भी मदद ली जा रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल्ली दौरा भी था मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बात के बाद उन्होंने उत्तराखंड के हालात के मद्देनजर दिल्ली दौरा स्थगित कर दिया।
बद्रीनाथ के पास लामबगड़ नाले के बहाव में फंसी कार को जेसीबी से निकालते सेना के जवान।
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नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के झुतिया गांव में सुबह लगभग 5 बजे बादल फट गया। पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। बचाव कार्य कर कुछ घायलों को मलबे से निकाल कर बचा लिया गया है। एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि जहां बादल फटा था, वहां से कुछ घायलों को बचा लिया गया है, अभी कितने लोग मलबे में दबे हो सकते हैं इसका पता नहीं चल पाया है। घटना में 10 लोगों के मौत की खबर है। वहीं रामनगर के एक रिजॉर्ट में पानी घुस गया है। बताया जा रहा है रिजॉर्ट के अंदर करीब सौ लोग फंसे हैं। भीमताल में मकान ढहने से एक बच्चा मलबे में दब गया है।
हल्द्वानी में गौला का पुल दरका
नैनीताल का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। यहां तक आने वाली तीनों सड़कें भूस्खलन के चलते ब्लॉक हो गई हैं। नैनी झील का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह रहा है। भारी बारिश के चलते नैनीताल जिले में काठगोदाम रेलवे स्टेशन को हल्द्वानी से जोड़ने वाली रेलवे लाइन भी बह गई है।हल्द्वानी में गौला नदी पर बना पुल बारिश के चलते दरक गया है। पुल के बीचोबीच गड्ढा बन गया। ऊधमसिंह नगर में नानक सागर बांध के सभी गेट खोल दिए गए हैं।
पत्रकार आनन्द नेगी समेत परिवार के 3 लोगों की मौत
अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण तहसील के रापड गांव में पहाड़ी टूटकर घर पर गिर गई। इस घटना में मकान ध्वस्त हो गया। इस हादसे में तीन लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों में वरिष्ठ पत्रकार आनन्द सिंह नेगी भी शामिल हैं। अल्मोड़ा तहसील के डूंगरी में एक किशोर और सिराड़ में एक महिला की मौत हुई है। स्यालदै के भाकुड़ा गांव के तोक बितोडी में एक महिला की मलबे में दबने से मौत हो गई। अल्मोड़ा नगर में भी मकान की दीवार गिरने से किशोरी दब गई।
बागेश्वर जिले में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर खीनापानी क्षेत्र में मलबे में दबने से दो श्रमिकों की मौत हो गई है। चंपावत में भी 2 और लोगों की मरने की खबर है। ऊधमसिंह नगर की बाजपुर में एक व्यक्ति का शव मिला है।
गढ़वाल मंडल के चमोली क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नंदाकिनी नदी में बाढ़ आ गई है, जिससे इसके जल स्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। वहीं, लैंडस्लाइड होने के कारण 5 लोगों की मौत हो गई है जबकि, भारी बारिश और बर्फबारी भी दूसरे दिन भी लगातार जारी रही।
मुख्यमंत्री धामी ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा
एसडीआरएफ और पुलिस ने केदारनाथ मंदिर से लौटते समय लगातार हो रही बारिश के बीच जंगल चट्टी में फंसे करीब 22 श्रद्धालुओं को बचाया। घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सीधे कंट्रोल रूम पहुंच गए। मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री ने भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाद में उन्होंने रुद्रप्रयाग पहुंचकर नुकसान के आकलन की समीक्षा भी की। उनके साथ राज्य के मंत्री धन सिंह रावत और राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार भी थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जल्द ही सेना के हेलिकॉप्टर यहां मदद और राहत पहुंचाने के लिए पहुंच जाएंगे। इनमें से दो हेलिकॉप्टरों को नैनीताल और एक को गढ़वाल भेजा जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे घबराएं नहीं, उनकी सुरक्षा के सभी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने चारधाम यात्रियों से अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम साफ होने के बाद ही यात्रा को दोबारा शुरू करें।
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने 17 से 19 अक्टूबर तीन दिन तक राज्य में अलर्ट जारी किया था। 17 को ऑरेंज और बाकी दो दिन रेड अलर्ट जारी कर 2013 जैसी आपदा की आशंका जाहिर की थी। 17 तारीख को तो सबकुछ सही रहा। 18 को भी बहुत ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ। मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ हल्का पड़ता जा रहा है। अब कोई बड़े खतरे की आशंका नहीं है। एहतियातन, 19 अक्टूबर को रेड अलर्ट जारी किया गया है।
चमोली में तीन दिन का हाई अलर्ट
मौसम विभाग ने चमोली में तीन दिन के लिए हाई अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए अस्थाई तौर पर केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी है. सीएम धामी ने श्रद्धालुओं से कुछ दिनों के लिए चारधाम यात्रा टालने की अपील की है। सोनप्रयाग में रोके जा रहे तीर्थयात्री को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है. वहीं, बाबा केदार का अब तक 90 हजार के करीब तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।
हरिद्वार में खतरे के निशान पर गंगा
पहाड़ों की बारिश के बाद हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सुबह पानी के जलस्तर में बढोतरी हुई है। इसके बाद से प्रशासन सतर्क हो गया है।
राज्य में 24 घंटे में 200 मिमी से ज्यादा बारिश
राज्य आपदा प्रबंधनके सचिव एसए मुरुरेसन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में राज्य में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। सोमवार को बारिश के चलते पौड़ी और चंपावत में 5 मौतें हुई थीं। इनमें नेपाल के 3 मजदूर भी शामिल
रेस्क्यू में जुटा एसडीआरएफ
स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) राज्य में रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रही है। टीम ने सोमवार रात राज्य में अलग-अलग जगहों पर ऑपरेशन करके 50 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया। इनमें केदारनाथ मंदिर से लौट रहे श्रद्धालु भी शामिल हैं जो रास्ते में फंस गए थे। उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर एसडीआरएफ ने सोमवार को केदारनाथ से लौट रहे 22 श्रद्धालुओं को बचाया, जो जंगल में फंसे हुए थे। टीम ने चार मजदूरों को भी बचाया, जो मलबे में दबे थे।