इस्लामाबाद। भारत के 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके
पर पाकिस्तान से भी जयहिंद की आवाज आई है। बलूचिस्तान सूबे के लोगों ने
भारतवासियों को बधाई दी और जयहिंद के नारे लगाए। भारत सरकार से अपील की कि
वह उनकी
आजादी में मदद करे। पाकिस्तान सरकार से बलूचों को मुक्त कराएं।
भारत के 73वें स्वतंत्रता दिवस पर बलूचिस्तान
के लोगों ने भारत के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की। बलूच कार्यकर्ताओं ने कहा
कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से मुक्त कराने के लिए हमें भारत सरकार का सहयोग और
समर्थन चाहिए। बलूचिस्तान की आजादी की यह अपील ऐसे समय आई है, जब पाकिस्तान भारतीय धारा 370 और अनुच्छेद 35ए का रोना पूरी
दुनिया में रो रहा है।
हालांकि, दुनिया के सभी प्रमुख देशों ने
उसकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया है और भारत के स्टैंड को सही माना।
बलूच नेताओं ने कहा, “हम अपने भारतीयों भाइयों और बहनों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं देना चाहते हैं। पिछले 70 वर्षों में उन्होंने जो सफलता अर्जित की है, वह भारतीयों को गर्व से भर देती है। आज दुनिया भर में भारतीयों का डंका बज रहा है। हम बलूच उनकी एकजुटता और मदद के लिए धन्यवाद देते है।“
बलूचिस्तान दक्षिण पश्चिम पाकिस्तान, ईरान के दक्षिण पूर्वी प्रांत सिस्तान और अफगानिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत तक फैला हुआ है लेकिन इसका अधिकतर इलाका पाकिस्तान के कब्जे में है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का करीब 44 प्रतिशत हिस्सा है। इस इलाके में अधिकतर बलूच आबादी रहती है। पाकिस्तान का यह इलाका सबसे गरीब और उपेक्षित है। हालांकि, प्राकृतिक संसाधानों के लिहाज यह यह सर्वाधिक उपयोगी क्षेत्र है।
सामरिक दृष्टि से बलूचिस्तान का ग्वादर बंदरगाह ईरान, अफगान और भारत को टारगेट करने के लिए सबसे बेहतर बेस बन सकता है। इससे पाकिस्तान से गुजरे बिना ही भारत अफगानिस्तान पहुंच सकता है।
1948 से बलूचिस्तान पाकिस्तानी कब्जे के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। बलूस्तिान का दावा रहा है कि उसे 11 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी मिली थी। लेकिन, पाकिस्तान इसे अपना हिस्सा मानता रहा है। पाकिस्तानी सेना ने कई बार बलूच आंदोलन को निर्मम तरीके से कुचला है।