नयी दिल्ली : देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को अंतिम विदाई देने के लिए उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ा। ऐसा लगता था जैसे हर कोई बस रावत के पार्थिव शरीर की एक झलक पाना चाहता है। जनरल रावत के अंतिम दर्शन के लिए भी सुबह से ही उनके घर के बाहर भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। भीड़ का आलम यह था कि वहां कुछ लोग व्यवस्था से नाराज भी हो गए। जनरल बिपिन रावत का अंतिम संस्कार दिल्ली कैंट में आज शाम 7:15 बजे किया जाएगा।
हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधूलिका को मुखाग्नि उनकी बड़ी बेटी कृतिका रावत देंगी। फिलहाल जनरल के पार्थिव शरीर को उनके आधिकारिक आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। जनरल रावत को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, दिल्ली के मुख्यमंत्रीव अरविंद केजरीवाल समेत अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
आम जनता ने सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी। सैन्यकर्मियों ने दोपहर 12:30 से 13:30 बजे के बीच अंतिम विदाई दी। इसके बाद पार्थिव शरीर को दिल्ली कैंट बराड़ स्क्वायर में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। जनरल रावत की यूनिट 5/11 गोरखा राइफल्स उनके अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था संभाल रही है। उन्हें निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक 17 तोपों की सलामी दी जाएगी। बिगुल फूंकने और लास्ट पोस्ट (सैन्य अफसर को दी जाने वाली अंतिम विदाई वाली धुन) के बाद ही परिवार के लोग की चिता को मुखाग्नि देंगे।हादसे
ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर को बेटी ने दी मुखाग्नि
जनरल रावत के साथ जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर का आज शुक्रवार को दिल्ली कैंट के बराड़ स्क्वायर में अंतिम संस्कार किया गया। सुबह उनके पार्थिव शरीर को आर्मी के बेस अस्पताल से शंकर विहार में उनके आवास ले जाया गया। ब्रिगेडियर लिड्डर को अंतिम विदाई देने के लिए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी पहुंचे थे। उन्हें श्रद्धांजलि देते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पहुंचे।