बरेलीः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) ने अपनी ताकत दिखाने के लिए मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। कौंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने शुक्रवार को यहां अपने आवास पर मीडिया के साथ बातचीत में पुलिस प्रशासन को चुनौती दी। धर्म संसद कार्यक्रम के जवाब में मौलाना ने उलेमा को इस्लामियां मैदान बुलाया है। उन्होंने 7 जनवरी को 20 हजार मुसलमानों को भी इस्लामियां मैदान में आने का न्यौता दिया है। मौलाना तौकीर की अपील के बाद जुमे की नमाज में भी तमाम इमामों ने मुसलमानों से इस्लामिया मैदान पहुंचने की अपील की।

मोहल्ला सौदागरान स्थित अपने आवास पर मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि हम सब्र वाले लोग हैं। देश में शांति बनी रहे, इसका ख्याल रखदते हैं। लेकिन, हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद कार्यक्रम ने हमारे सब्र को तोड़ दिया है। उलेमा ने फैसला लिया है कि देश को गृह युद्ध से बचाने के लिए हम कत्ल होने को तैयार है। इस्लामियां मैदान में सात जनवरी को 20 हजार मुसलमान खुद की गिरफ्तारी देंगे। किसी भी तरह का विरोध नहीं किया जाएगा। मौलाना ने जेर देकर कहा, “हमें सरकारों से शिकायत है, हमारी सुनवाई नहीं हो रही है।”

हुकूमत अपनी जिम्मेदारी से बच रहीः मुफ्ती खुर्शीद आलम

शाही जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने जुमे की नमाज से पूर्व अपने बयान में कहा कि हम मुसलमान जुल्म के खात्मे के लिए पैदा हुए हैं, ना जुल्म होने देते हैं ना जुल्म करने को अच्छा समझते हैं। मौजूदा माहौल में जो हालात हैं वह देश के लिए बेहतर नहीं हैं। आये दिन एक मजहब को निशाना बनाया जा रहा है।चंद मकसूस खरीदे गए लोगों के जरिये लगातार नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है। हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब को खराब करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे लोगों की जुबान पर लगाम कसनी चाहिए, यह हुकूमत हिंद की जिम्मेदारी है मगर मौजूदा हुकूमत अपनी जिम्मेदारी से गर्दन बचाती नजर आ रही है।

error: Content is protected !!