आंवला। बुधवार को क्षेत्र की ग्राम पंचायत आसपुर में कोटेदार चयन को खुली बैठक में ग्रामीणों ने गुप्त मतदान की मांग की। इसके बाद बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।

पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार ग्राम आसपुर में कोटेदार के चयन के लिए ग्राम पंचायत सचिव नरेश दिवाकर, प्रियदर्शन यादव, अमित प्रकाश, विकास चंद गंगवार, एडीओ राघवेन्द्र सिंह यादव प्राथमिक सरकारी विधालय में होने वाली बैठक में पहुंचे। वहां अधिकांश ग्रामीणों ने कहा कि बैठक में गुप्त मतदान कराया जाए। यहां पर भाजपा नेता सुदेश पाल िंसंह के नेतृत्व ग्रामीणों ने एक लिखित शिकायती पत्र भी सौंपा। इसके अलावा मतदान के समय पुलिस बल की तैनाती की भी मांग की गई। इसके बाद कार्यवाही रजिस्टर में कार्यवाही दर्ज करके बैठक को स्थगित कर दिया।

पूर्व ग्राम प्रधान बनवारी लाल कश्यप, ग्रामीण प्रदीप सिंह, अमित कुमार सिंह, राजपुरखुर्द के नरेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि कुछ माह पूर्व ग्राम की शीला देवी के पास कोटा था। किसी शिकायत पर एसडीएम ने छापेमारी की तो उनके पास 960 लीटर कैरोसीन मिली जबकि अभिलेखों में केरोसीन बंट चुकी थी। इस पर कार्यवाही करते हुए शीलादेवी का कोटा निरस्त कर दिया तथा दुकान को निकट के ही ग्राम करूआताल में अटैच कर दिया गया।

ग्रामीणों का कहना है उनको कई किलोमीटर दूर जाकर राशन के लिए लाइन लगानी पड़ती है। कभी-कभी तो निराश होकर वापस लौटना पड़ता है। ग्रामीण परेशान हैं। वे चाहते हैं कि शीघ्र ही राशन हमारे गांव में ही मिले। ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान प्रधान राजनीतिक दबाव बनाकर अपने कुटुम्ब के ही एक व्यक्ति को कोटा दिलाने के प्रयास में हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि एक क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि निरन्तर प्रशासन पर दबाव बनाकर प्रधान की मदद कर रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण गुप्त मतदान के द्वारा कोटेदार का चयन करना चाहते है।

ग्राम प्रधान पति गोपेश का कहना है कि वह चाहते हैं कि दुकान गांव में ही हो। प्रशासन बिना किसी दबाव के ग्रामवासियों की इच्छानुसार पुलिसबल की मौजूदगी में खुली बैठक अथवा गुप्त मतदान के द्वारा जैसे भी हो कोटेदार का चयन करा दें।

चर्चा है कि क्षेत्र के दो कद्दावर नेताओं की गुटबाजी के चलते इस ग्राम में कोटेदार के चयन को लेकर प्रशासन असमंजस में है।

By vandna

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