नई दिल्लीः (Galwan Indian Army Photo) “फेक न्यूज की फैक्ट्री” चीन ने नये साल पर गलवान का एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि जिस घाटी के लिए भारत और चीन के बीच खूनी झड़प हुई थी, वह इलाका अब उसका है। इसे लेकर भारत में विपक्षी दल सरकार पर आक्रामक हो गए लेकिन जल्द ही यह बात साफ हो गई कि गलवान घाटी पर चीनी दावे का जो वीडियो दिखाया जा रहा है वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी,LAC) पर चीन की तरफ का है। चीन के इस प्रोपेगेंडा के जवाब में भारतीय सेना ने गलवान की मौजूदा वास्तविक स्थिति का कुछ फोटो जारी किये हैं जिनमें बर्फ से ढकी चोटी पर तिरंगे के नीचे खड़े 30 जांबाज भारतीय जवानों को देखा जा सकता है।
वास्तव में जिस जगह पर चीन ने वीडियो शूट किया था, वह बफर जोन के बाहर का है। इस बाबत भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून 2020 में टकराव के बाद सहमति भी बनी थी। अब भारतीय सेना के प्रूफ देने से साफ हो गया कि गलवान घाटी में भारत की स्थिति कितनी मजबूत है। भारतीय सैनिकों ने गलवान की जो तस्वीरें शेयर की है उनमें बर्फ की चादर साफ देखी जा सकती है लेकिन चीन के वीडियो में बर्फ को ढूंढना पड़ रहा है। यानि चीन की पोल उसका वीडियो ही खोल दे रहा है।
इस तस्वीर को देख चीन के तनाव में आने की एक बड़ी वजह है। गलवान घाटी में माइनस तापमान में दहाड़ रहे भारतीय जवानों के हाथ में वह हथियार आ चुका है जिसे शायद चीन की मीडिया और वहां के सैन्य अधिकारी जूम करके देखें। पहले भारतीय सैनिकों के हाथों में स्वदेशी इंसास दिखती थी लेकिन अब अमेरिका की मॉडर्न सिग 716 ने मोर्चा संभाल लिया है। यह राइफल एक मिनट में 685 राउंड गोलियां दाग सकती है। यानि इस तस्वीर से समझा जा सकता है कि गलवान में भारत की क्या तैयारी है। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन समेत देश के कई नेताओं और मंत्रियों ने सेना के जवानों की तीन तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा ‘भारत माता की जय’।
SiG 716 राइफल यानी दुश्मन का काम तमाम
– स्वदेशी इंसास की जगह सेना में अमेरिकी सिग 716 राइफलें शामिल की गई हैं
– यह राइफल 600 मीटर तक मार करती है
– एक मिनट में यह 685 राउंड गोलियां दाग सकती है
– सिग 716 में सेमी ऑटोमैटिग और फुली ऑटोमैटिक फीचर मौजूद हैं
– भारतीय सेना ने 72 हजार SIG 716 राइफल को शामिल किया है
– इस राइफल की गोली काफी बड़ी होती है
– इसे शूट टु किल राइफल के नाम से भी जाना जाता है