नयी दिल्लीः (NeoCoV, a new corona variant) कोरोना वायरस के डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट अभी भी पूरी दुनिया में खतरा बने हुए हैं। अब इसके एक नये वैरिएंट नियोकोव (NeoCoV) का पता चलने से चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए चुनौती और बढ़ गयी है। इस नये वैरिएंट को पहले मिले सभी वैरिएंट से ज्यादा घातक बताया जा रहा है। चीन के वुहान के अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि इस नये कोरोना वायरस के फैलने की क्षमता और इससे मौत का खतरा दोनों ही बहुत ज्यादा है। हालांकि स्पूतनिक की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नियोकोव वायरस नया नहीं है। यह वायरस कुछ साल पहले फैले मर्स-कोव (MERS-CoV) वायरस से संबंधित है।
bioRxiv वेबसाइट पर प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, चीन के वुहान, जहां 2019 में सबसे पहले कोरोना वायरस पाया गया था, वहां के अनुसंधानकर्ताओं ने एक नये तरह के कोरोना वायरस नियोकोव (NeoCoV) को खोजने का दावा किया है। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज और वुहान यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकताओं के मुताबिक, इस नये वायरस से हर तीन में से एक संक्रमित की मौत होने का खतरा है।
साउथ अफ्रीका के चमगादड़ों में मिला नया वैरिएंट
रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना का यह नया वैरिएंट साउथ अफ्रीका के चमगादड़ों में पाया गया है। नियोकोव चमगादड़ों में बहुत तेजी से फैला है। इसी वजह से इस वायरस से इंसानों को भी खतरा माना जा रहा है। इससे पहले भी 2019 में जब चीन में दुनिया का पहला कोरोना केस सामने आया था, तब भी कई रिपोर्ट्स में इसके चमगादड़ के जरिए ही इंसानों में फैलने की बात कही गई थी।
“लैब लीक थ्योरी” के मुताबिक, चीन के वुहान की लैब में चमगादड़ों पर किए जा रहे प्रयोग के दौरान ही कोरोना वायरस लीक होकर इंसानों में फैला। इस थ्योरी के अनुसार, यह भी संभव है कि चीन ने जानबूझकर कोरोना वायरस में जेनेटिक बदलाव करते हुए इसे इंसानों में फैलाया। हालांकि चीन इस थ्योरी को नकारता रहा है। उसका कहना है कि कोरोना वुहान में जानवरों के एक मार्केट से इंसानों में फैला था।
इंसानों में फैलने से बस एक म्यूटेशन दूर नया कोरोना
वुहान यूनिवर्सिटी एंड द चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स के रिसर्चर्स का दावा है कि इस नये कोरोना वायरस के इंसान तक पहुंचने के लिए इसमें बस एक म्यूटेशन की जरूरत है। नया वायरस नियोकोव और इसका करीबी वायरस PDF-2180-CoV इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है।
हर इम्यूनिटी और वैक्सीन को चमका देने में सक्षम
अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि नया कोरोना वैरिएंट नियोकोव किसी भी तरह की इम्यूनिटी को चकमा देने में सक्षम है। इससे मौजूदा सभी कोरोना वैक्सीन इस पर बेअसर हो सकती हैं। नए वैरिएंट से इंसानों को ज्यादा खतरा इसलिए है क्योंकि यह होस्ट सेल (इंसान) के ACE2 रिसेप्टर्स पर पहले के कोरोना वैरिएंट की तुलना में अलग तरीके से जुड़ता है।
दरअसल, वायरस अपनी स्पाइक प्रोटीन पर पाए जाने वाले रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (RBD) के जरिए ही इंसान के दिल और फेफड़ों के सेल पर पाए जाने वाले प्रोटीन ACE2 (एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम -2) से चिपककर इंसान के शरीर में प्रवेश करता है और उसे संक्रमित करता है। इसका नतीजा यह हो सकता है कि व्यक्ति में बनने वाली एंटीबॉडीज या पहले के संक्रमण या वैक्सीनेशन से पैदा हुई इम्यूनिटी कुछ भी नियोकोव के खिलाफ सुरक्षा न दे पाएं।