श्रीनगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को एक कार्यक्रम में यह कह कर पाकिस्तानी शासकों की धड़कनें बढ़ दी थीं कि पाकिस्तान से अब जब भी बात होगी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर होगी। सीमा पार के नेता इस जुबानी हमले से उबरने की कोशिश कर ही रहे थे कि सोमवार को एक और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पीओके को पाकिस्तान के अवैध कब्जे से मुक्त कराने की बात कह कर “आतंकिस्तान” के आकाओं को जोर का झटका दिया।

यहां प्रदेश भाजपा की तरफ से पार्टी मुख्यालय में जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सामाजिक-राजनीतिक स्थिति पर एक बैठक को संबोधित करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के भारत में एकीकरण की दुआ करनी चाहिए। जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद मुख्यधारा की राजनीति के नेताओं की गिरफ्तारी और घाटी में संचार सेवा पर लगी पाबंदियों को भी तवज्जो नहीं दी। 

सोमवार को आयोजित इस विमर्श में जितेंद्र सिंह ने कहा, “हम खुशकिस्मत हैं कि यह (विशेष दर्जा रद्द किए जाना) हमारे जीवनकाल में हुआ। यह हमारी तीन पीढ़ियों के बलिदान के कारण संभव हुआ।” उन्होंने कहा, “इस ऐतिहासिक कदम के बाद आइए हम पीओके को पाकिस्तान के अवैध कब्जे से मुक्त कराने और इसे संसद में (1994 में) सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के अनुरूप देश का अभिन्न हिस्सा बनाने की सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम दुआ करें कि हम पीओके का देश में एकीकरण होता हुआ और लोगों को बेरोक-टोक  मुजफ्फराबाद (पीओके की राजधानी) जाते देखें।” उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारियों की आलोचना करने को लेकर कांग्रेस का नाम लिये बगैर कहा कि इसे अनावश्यक ही एक बड़ा मुद्दा बना दिया गया। उन्होंने कहा, “ये लोग जिम में पसीना बहा रहे हैं, पुस्तकें पढ़ रहे हैं और यहां तक कि हॉलीवुड मूवी आर्डर कर रहे और देख रहे हैं।” 

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