अहमद हसनअहमद हसन

लखनऊः (Ahmad Hasan Death) समाजवादी पार्टी के नेता व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन का शनिवार को निधन हो गया। सपा के कद्दावर नेताओं में शुमार अहमद हसन सपा की सरकार में स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री भी रहे थे। स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे। अंबेडकरनगर के जलालपुर के मूल निवासी अहमद हसन आईपीएस अधिकारी के तौर पर सेवनिवृत्त होने के बाद सपा में शामिल होकर अपनी राजनीतिक पारी शुरू की।  

शुक्रवार रात को उनको डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था। वह आइसीयू में थे और शनिवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी थे। सपा की सभी सरकारों में मंत्री रहे।

अहमद हसन को दो माह पहले दिल की गंभीर बीमारी हुई थी और उन्हें लारी कार्डियोलॉजी में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें पेसमेकर लगाया गया था। इसके बाद वह कोरोना की चपेट में आ गए थे। कोरोना से जंग जीतने के बाद उनको फैक्चर हो गया। परिवारीजनों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनकी हालत गंभीर बताई गई। आनन-फानन उन्हें लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया। एनस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ दीपक मालवीय ने बताया कि गंभीर अवस्था में उन्हें भर्ती कराया गया था।

सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक अहमद हसन मुलायम सिंह यादव की हर सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे। उनको सपा विधान परिषद से ही सदन में लाती थी। सपा के थिंक टैंक माने जाने वाले अहमद हसन का विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान निधन सपा के लिए भी एक झटका माना जा रहा है। उनके निधन पर समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा अन्य नेताओं ने शोक जताया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी भी उनके आवास पहुंचे

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि अहमद हसन आईपीएस से सेवानिवृत्त के उपरांत उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहे। वह अपनी सरलता, सहजता एवं वाकपटुता से सभी लोगों के प्रिय रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि अहमद हसन अपनी सरलता, सहजता एवं वाकपटुता के लिए जाने जाते रहे हैं।

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