बरेली।रक्षाबंधन पर आरती अपने भाई व आठ साल के बेटे के साथ मायके बलरामपुर जाना चाहती थी। शक्की धीरज ने उसके मायके में बात करने पर भी पाबंदी लगा दी थी। पति चाहता था कि आरती हर वक्त घर की चाहरदिवारी में कैद रहे। रक्षाबंधन पर आरती का धीरज से झगड़ा हुआ था। धीरज ने आरती को बेरहमी से पीटा भी था। हार्टमैन पुल के पास गांधीपुरम में नीरज अग्रवाल के घर किराये के मकान में रह रहे धीरज ने शुक्रवार रात पत्नी आरती की निर्मम हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपी फरार हो गया। शनिवार शाम को मकान मालिक नीरज की सूचना पर पुलिस पहुंची और जांच शुरू की।

पुलिस व मकान मालिक की सूचना पर रविवार को बलरामपुर जिले के उतरोली बाजार के मोहल्ला आर्यनगर निवासी आरती के पिता ननकन प्रसाद सोनी, मां सावित्री देवी व भाई प्रदीप सोनी व आरती का बेटा कृष्णा सोनी बरेली पहुंचे। परिवार वाले निर्मम तरीके से की गई हत्या देखकर दहल उठे। मां सावित्री तो बेटी का शव देखने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाईं। भाई प्रदीप और पिता ने शव देखा तो दहाड़े मारकर रो पड़े, बोले किस हैवान को हमने फूल जैसी बच्ची सौंप दी थी। धीरज के खौफनाक इरादों की भनक होती तो रक्षाबंधन पर बरेली आ जाते। हमारी आरती तो बच जाती।

पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद आरती का बेटा कृष्णा अपनी नानी सावित्री देवी के साथ ही टहलता रहा। उसे शायद ये भी नहीं पता था कि उस पर से मां का साया भी उठ चुका है। पूछने पर बताया कि मैं रेडियम पब्लिक स्कूल में केजी में पढ़ता हूं। वहीं, गांधीपुरम में आरती की हत्या के बाद उसके कमरे में ताला डाल दिया है। पुलिस ने कमरे में झाडू़ और पोछा लगाने के लिए मना किया है। नीरज ने कमरे की चाबी प्रेमनगर पुलिस को सौंप दी है। नीरज की बाइक को जंजीर से पुलिस ने बंधवा दिया। मकान मालिक से कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

प्रदीप ने बताया कि धीरज की एक बहन नवाबगंज व दूसरी बहन बरेली में रहती है। दोनों के नाम उन्हें नहीं पता हैं। रक्षाबंधन के दिन धीरज बहनों के यहां राखी बंधवाने जाने की तैयारी करने लगा। इस पर आरती ने कहा था कि अपनी बहनों से राखी बंधवाने के बाद मुझे भी बलरामपुर लिए चलना। धीरज ने साफ मना कर दिया कि वहां जाने की कोई जरूरत नहीं। भाइयों से बात भी मत करना। आरती ने कहा कि जब तुम जा सकते हो तो मैं क्यों नहीं। इस बात पर दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ था। धीरज ने आरती को खूब पीटा था।

बाकरगंज स्थित मुक्तिधाम में आरती को उसके बेटे कृष्णा ने मुखाग्नि दी। अंत्येष्टि के बाद प्रदीप ने कहा कि इतनी निर्ममता से हत्या करने के बाद भी धीरज खुलेआम घूम रहा है। पुलिस ने उसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया। रविवार शाम को परिजन आरती का शव लेकर अपने गांव चले गए। उन्होंने बताया कि सोमवार को परिवार वाले लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलकर खुलासे की मांग करेंगे।

बता दें धीरज ने आरती को तड़पा-तड़पाकर मारा था। बचाव के लिए चीखी तो धीरज ने उसका मुंह तकिये से दबा दिया। उसके पेट पर बैठकर आरोपी ने गला रेता। फिर आंख फोड़ी। इसके बाद हाथ की दोनों नशे काट दीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इधर, डिफेंस कॉलोनी में स्थित धीरज के घर में ताला बंद है। उसके पिता राममूरत सरन रस्तोगी व मां सुषमा रस्तोगी फरार हैं। सुषमा सरकारी शिक्षक थीं जो कुछ साल पहले सेवानिवृत्त हुई थीं। प्रेमनगर थाना इंचार्ज ने बताया कि आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।

सर्राफ ननकन प्रसाद के तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। भाई-बहनों में आरती तीसरे नंबर की थी। आरती के बड़े भाई संतोष कुमार सोनी, बहन रेखा सोनी, छोटा भाई प्रदीप सोनी व दिलीप सोनी एवं बहन राजेश्वरी सोनी बलरामपुर में ही रहते हैं। पहले पति की मौत के बाद आरती काफी गुमशुम रहती थी। इसलिए परिवार वालों से राय-मशवरा के बाद प्रदीप ने शादी डॉट कॉम पर धीरज से रिश्ते की बात की थी।

By vandna

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