नई दिल्ली। अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में मंगलवार को रामलला विराजमान की ओर से अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने बहस शुरू करते हुए सबसे पहले भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) की रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जहां मस्जिद बनाई गई थी उसके नीचे एक विशाल निर्माण था और एएसआई की खुदाई में जो चीजें सामने आईं हैं उसके मुताबिक वह हिंदू मंदिर था।
वैद्यनाथन ने कहा कि बाबरी मस्जिद के नीचे जिस तरह का ढांचा/संरचना थी, उसकी बनावट, उसके निर्माण के तरीके और उसमें भगवान के चिन्ह बताते हैं कि वहां पहले से मंदिर था। पहले मुस्लिम पक्ष मंदिर का ढांचा होने से ही इन्कार करता था लेकिन बाद में वह कहने लगा कि स्ट्रक्चर तो था लेकिन वह एक इस्लामिक स्ट्रक्चर की तरह था।
आपको याद होगा कि पिछली सुनवाई में रामलला विराजमान के अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने संविधान पीठ को विवादित ज़मीन के नक्शे और फोटोग्राफ दिखाते हुए कहा था कि खुदाई के दौरान मिले खंभों में श्रीकृष्ण, शिव तांडव और श्रीराम की बालरूप की तस्वीरें नज़र आती हैं। 1950 में वहां हुए निरीक्षण के दौरान भी तमाम ऐसी तस्वीर और ढांचे मिले थे जिनके चलते उसे कभी भी एक वैध मस्ज़िद नहीं माना जा सकता। किसी भी मस्ज़िद में इस तरह के खंभे नहीं मिलेंगे।
इस पर मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने हस्तक्षेप करते हुए कहा था कि कई पहलुओं को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है जो स्पष्ट नहीं हैं।