नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया हेराफेरी मामले (INX Media Rigging Cas) में वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति सुनिल गौर की एकल पीठ ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। चिदंबरम ने यह अग्रिम जमानत याचिका सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के केस में दायर की थी।
चिदंबरम की अग्रिम जमानत पर पिछले साल से ही दिल्ली हाईकोर्ट की अंतरिम रोक थी। इससे पहले सीबीआई और ईडी ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया था। हालांकि हाईकोर्ट ने चिदंबरम को निर्देश दिया था कि वह ईडी और सीबीआई की जांच में सहयोग करें और बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर ना जाएं।
एयरसेल-मैक्सिम डील मामले में भी सीबीआई ने चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ पटियाला हाउस अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में कहा गया है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी और पीसी एक्ट की धारा 7, 1213 (2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। इस मामले में कुल 18 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी.
ये है पूरा मामला
चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था। ईडी के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी। आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर हेराफेरी करने का आरोप है।