बरेली : अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से धरना-प्रदर्शन कर रहे बरेली कॉलेज के अस्थायी कर्मचारी एक बार फिर मुखर हो गए हैं। इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे कर्मचारियों ने शनिवार को बरेली कॉलेज में तालाबंदी कर दी। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की। तालाबंदी के चलते परीक्षा फार्म जमा कराने पहुंचे छात्र-छात्राओं को मायूस होकर लौटना पड़ा।
बरेली कॉलेज में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के डेढ़ सौ से ज्यादा अस्थाई कर्मचारी हैं। वे न्यूनतम वेतन 20 हजार रुपये करने, कॉलेज में रिसीवर बैठाने और बरेली कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने की मांग को लेकर लंबे समय से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी साल 3 जनवरी को भी उन्होंने कॉलेज में तालाबंदी कर दी थी। सात जनवरी को प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद तालाबंदी खत्म की गयी। यै स्थायी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर मुखर हो गए हैं। अपनी अनदेखी से न राज अस्थायी कर्मचारियों ने आज शनिवार को बरेली कॉलेज में एक बार फिर तालाबांदी करते हुए मुख्य कार्यालय पर ताला जड़ दिया।
अस्थायी कर्मचारियों का कहना है कि वे पहले ही प्रशासन और कॉलेज को इसकी चेतावनी दे चुके थे लेकिन फिर भी समस्याओं का समाधान नहीं होने पर यह तालाबंदी की गयी। बरेली कॉलेज कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा का कहना है कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
इससे पहले जब तालाबंदी की गई थी तो प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है। जिसके बाद उन्हें फिर से तालाबंदी करने को मजबूर होना पड़ा। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा उनका आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा।