'Sanatan Yatra' expressed gratitude to Mahadev by Jalabhishek at trivati nath mandiron the manifestation in Gyanvapi

बरेली। ज्ञानवापी में काशी विश्वनाथ शिवलिंग मिलने की खबर फैलते ही शिवभक्तों में हर्ष की लहर दौड़ गयी। लोगों ने अपने-अपने ढंग से खुशी जाहिर की। किसी ने दीप जलाये तो कहीं महादेव की विशेष आरती की गयी। बरेली के सनातन यात्रा अभियान की टीम ने बाबा त्रिवटी नाथ मन्दिर में महादेव का जलाभिषेक कर ज्ञानवापी में शिवलिंग प्राकट्य पर उनका आभार जताया।

सनातन यात्रा अभियान के संस्थापक वरिष्ठ पत्रकार विशाल गुप्ता ने बताया कि सनातन धर्म में लगभग सभी परम्पराएं पूर्णतया तार्किक और वैज्ञानिक हैं। सनातन यात्रा का उद्देश्य लोगों को इन परम्पराओं के पीछे का विज्ञान समझाना है। आज की युवा पीढ़ी का देखने का ढंग वैज्ञानिक है। वह तर्क के आधार पर चीजों को कसौटी पर परखना चाहता है। जरूरत है सनातन धर्म के विज्ञान से उन्हें परिचित कराया जाये।

सनातन यात्रा के संयोजक एडवोकेट आलोक शंखधर ने बताया कि महादेव ने ज्ञानवापी में प्राकट्य के लिए बुद्ध पूर्णिमा का दिन चुना। यह स्वर्णिम संयोग है। महादेव ने विश्व को संदेश दिया है कि जिस प्रकार पूर्णिमा का चंद्रमा विश्व में प्रकाश बिखेरकर रात के अंधेरे को समाप्त कर देता है, उसी प्रकार अब भारत ही नहीं समग्र विश्व में सनातन धर्म के सत्य का प्रकाश फैलेगा।

इस अवसर पर अनुवन्दना माहेश्वरी, कौशिक टण्डन, ममता शंखधर, आनन्द समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

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