मुम्बई : महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को फ्लोर टेस्ट के समय जैसी उम्मीद थी, वैसा ही हुआ। एकनाथ शिंदे सरकार ने विश्वास मत जीत लिया। सरकार को 164 विधायकों का समर्थन मिला जबकि विपक्ष में 99 वोट पड़े। मतदान के समय 266 विधायक सदन में मौजूद थे जिनमें से तीन ने वोट नहीं डाला। 21 विधायक सदन से गैरहाजिर रहे।
सदन में बोलने के दौरान शिंदे अपने दो मृत बच्चों का जिक्र करके भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “मेरे पिता जीवित हैं, मेरी मां की मृत्यु हो गई। मैं अपने माता-पिता को ज्यादा समय नहीं दे सका। जब मैं आता तो वे सो जाते और जब मैं सो जाता तो वे काम पर चले जाते। मेरे दो बच्चों की मृत्यु हो गई, उस समय, आनंद दिघे ने मुझे सांत्वना दी। मैं सोचता था, जीने के लिए क्या है? मैं अपने परिवार के साथ रहूंगा।”
शिंदे ने यह भी बताया कि विधान परिषद चुनाव के दिन उनके साथ बदसलूकी हुई थी। उद्धव ने भी पूछा था कि कहां जा रहे हो, कब तक लौटोगे।
हम बाला साहेब के शिवसैनिकः शिंदे
शिंदे ने विधानसभा में कहा, “आज बाला साहेब ठाकरे का सपना पूरा हुआ।… हम शिवसैनिक हैं और हम हमेशा बालासाहेब और आनंद दिघे के शिवसैनिक रहेंगे। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि वहां कौन था और किसने बालासाहेब के मतदान करने पर छह साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया।”
शिंदे ने आगे कहा, “शुरुआत में मुझे एमवीए सरकार में मुख्यमंत्री बनाया जाना था लेकिन बाद में अजीत पवार या किसी ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए। मुझे कोई समस्या नहीं थी और मैंने उद्धव से कहा कि आगे बढ़ो और मैं उनके साथ था। मैंने उस पोस्ट पर कभी नजर नहीं डाली।”
एकनाथ शिंदे ने बताया कि राज्य के लोगों के हित में पेट्रोल-डीजल पर वैट जल्द ही कम किया जाएगा। इसका फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लेंगे। इसके बाद राज्य में पेट्रोल-डीजल सस्ते हो जाएंगे।
ये 21 विधायक रहे सदन से गैरहाजिर
दो विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल में हैं। कांग्रेस के 9 विधायक थे। इनमें अशोक चव्हाण, प्रणति शिंदे, जितेश अंतापुरकर, विजय वडेट्टीवार, जीशांत सिद्दीकी, धीरज देशमुख, कुणाल पाटिल, राजू अवलेमोहन हंबरडे, शिरीष चौधरी शामिल हैं। एनसीपी के संग्राम जगताप के अलावा 9 और विधायक सदन से बाहर रहे।