नई दिल्ली। इसे समय का फेर कह सकते हैं। एक ओर कांग्रेस आलाकमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और उनकी सरकार के लगभग सभी फैसलों को लेकर लगातार हमलावर मोड में है, वहीं उसके बड़े नेताओं में प्रधानमंत्री मोदी के काम की तारीफ करने की होड़ लगी है। बुधवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी के महत्व को स्वीकार करते हुए उनकी शान में कसीदे कसे थे, वहीं शुक्रवार को अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पीएम मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के मामले में भी कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पार्टी लाइन से अलग जाकर धारा 370 और अनुच्छेद 35ए को खत्म करने का समर्थन किया था। इनमें ज्योतिरादित्य सिन्हा, आरएन सिंह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कैप्टन अमरिंदर सिंह, मिलिंद देवड़ा आदि शामिल हैं।
सिंघवी ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा है कि पीएम मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है और ऐसा करके विपक्ष एक तरह से उनकी मदद करता है। सिंघवी ने ट्वीट में लिखा है, “हमेशा कहा है मोदी को बुरा दिखाना गलत है। वे … देश के पीएम हैं। एक तरह से विपक्ष वास्तव में उनकी मदद करता है। काम हमेशा अच्छे, बुरे और मामूली होते हैं। उनका मूल्यांकन मुद्दों के आधार पर करना चाहिए ना कि इंसान के आधार पर। निश्चित रूप से उज्ज्वला योजना अन्य अच्छे कामों में से एक है।
इससे पहले जयराम रमेश ने कहा था कि मोदी के काम के महत्व को स्वीकार नहीं करने और हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। जयराम ने कहा था कि यह वक्त है कि मोदी के काम और 2014 से 2019 के बीच उन्होंने जो किया उसके महत्व को समझें जिसके कारण वह सत्ता में लौटे। उन्होंने कहा कि शासन का मॉडल “पूरी तरह नकारात्मक गाथा” नहीं है। जयराम रमेश ने कहा था, “अगर आप हर समय उन्हें (मोदी) खलनायक की तरह पेश करेगें तो आप कभी भी उनका मुकाबला नहीं कर सकेंगे।” जयराम ने ये टिप्पणियां राजनीतिक विश्लेषक कपिल सतीश कोमीरेड्डी की किताब “मालेवॉलेंट रिपब्लिक: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द न्यू इंडिया” का विमोचन करते हुए की थीं।