बासेल (स्विट्जरलैंड)। ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप 2019 का खिताब अपने नाम कर लिया। इसी के साथ इस भारतीय बैडमिंटन स्टार ने इतिहास रच दिया है। वह यह खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। अब तक भारत का कोई पुरुष खिलाड़ी भी इस टूर्नामेंट का फाइनल नहीं जीत पाया है। 

37 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में पीवी सिंधु ने नोजोमी ओकुहारा को 21-7 और 21-7 से करारी शिकस्त देकर खिताब पर कब्जा जमाया। इसी के साथ पीवी सिंधु ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। दुनिया की नंबर पांच खिलाड़ी सिंधु ने नंबर चार खिलाड़ी ओकुहारा को हराकर पुराना हिसाब भी चुकता कर लिया। दरअसल, जापान की इस स्टार खिलाड़ी ने पीवी सिंधु को साल 2017 में इसी टूर्नामेंट के फाइनल में हराया था लेकिन इस बार भारतीय शटलर ने उनको बुरी तरह मात दी। इस जीत के साथ ही सिंधु ने ओकुहारा से खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 9-7 का कर लिया है।

सिंधु शनिवार को पूरे फार्म में थीं। उन्होंने पहले गेम में अच्छी शुरुआत की और 5-1 की बढ़त बना ली। भारतीय खिलाड़ी इसके बाद 12-2 से आगे हो गईं। सिंधु ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और 16-2 की लीड लेने के बाद 21-7 से पहला गेम जीत लिया। भारतीय खिलाड़ी ने 16 मिनट में पहला गेम अपने नाम किया।

दूसरे गेम में सिंधु ने 2-0 की बढ़त के साथ शुरुआत करते हुए अगले कुछ मिनटों में 8-2 की लीड बना ली। ओलंपिक पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी ने आगे भी अपने आक्रामक खेल के जरिये अंक लेना जारी रखा। सिंधु ने मुकाबले में 14-4 की शानदार बढ़त बना ली। इसके बाद उन्होंने लगातार अंक लेते हुए 21-7 से गेम और मैच समाप्त करके बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक जीत लिया।

पीवी सिंधु लगातार तीसरी बार विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थीं। हालांकि, इससे पहले वर्ष 2017 और 2018 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा था। इसके अलावा साल 2013 और 2014 में भी सिंधु ने कांस्य पदक अपने नाम किया था।

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