बरेली लाइव। पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में लम्पी डिसीज व निराश्रित गोवंश के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आज विकास भवन सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में धर्मपाल सिंह ने कहा कि पशुओं में लम्पी स्किन रोग के रोकथाम हेतु नीम की पत्तियों का धुआं सुलगाकर मक्खी व मच्छर से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश के प्रवेश द्वार और आस पास प्रतिदिन चूने का छिड़काव, फॉगिंग व एंटीलरवा मेडिसन का भी छिड़काव किया जाए। आवश्यक औषधियों का स्टॉक गौशाला में अवश्य रखा जाए और गौशाला में उपचार हेतु पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सक द्वारा गौवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाए, पशुओं की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु पौष्टिक आहार दिया जाए।

वैक्सीन के विषय में धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश में 29 अगस्त, 2022 से 3 सितम्बर, 2022 तक मिशन मोड के अन्तर्गत विशेष अभियान चलाया जाएगा और 1750000 वैक्सीन की आकस्मिक व्यवस्था कर ली गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिस पर पशुओं के रोग सम्बंधित सभी सूचनाएं दी जा सकती हैं, टोल फ्री नम्बर 18001805141, 05222740992 एवं 7880776657 पर कॉल कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर गौ चिकित्सा हेतु कंट्रोल रूम बनाया जाए, जिसका संचालन जिलाधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा। जिलाधिकारी अपने स्तर से प्रशासनिक अधिकारी एवं पशु चिकित्सा अधिकारी तैनात करें। लम्पी स्किन रोग के प्रभावी नियत्रंण एवं रोकथाम हेतु जनपद, तहसील व ब्लाक स्तर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होनें कहा कि लम्पी स्किन रोग की रोकथाम/ चिकित्सा व्यवस्था से जुड़े किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को अवकाश एवं मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

धर्मपाल सिंह ने बताया कि लम्पी स्किन रोग गौवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं में फैलने वाली विषाणु जनित रोग है जोकि कतिपय मक्खी, मच्छर आदि से फैलता है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्यों राजस्थान, हरियाणा आदि से प्रदेश के पश्चिमी 15 जनपदों का गौवंश में संक्रमण हुआ है इस रोग से अभी तक प्रदेश के 563 ग्रामों में 5832 पशु प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के अलीगढ़, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, आगरा एवं बरेली मंडल के 15 जनपदों में लम्पी स्किन डिसीज से गोवंश के प्रभावित होने की सूचना प्राप्त हुई है, इस संक्रामण रोग से प्रदेश में पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ने की आशंका है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम से पूर्व की ओर जा रहे पशुओं को हाइवे, चेकपोस्टों तथा पुलों आदि की निगरानी करते हुए पुर्णतः रोका जाए एवं परिवहन पर प्रतिबंध भी लगाया जाए। उन्होंने कहा कि गौवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं को कोई भी हाट/मेला आदि का आयोजन पर प्रतिबंध लगाया जाए और संक्रमित गौवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं के उपचार हेतु पशुपालन विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक उपचार व टीका आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। संक्रमित पशुओं के आइसोलेशन, पशु चिकित्सकों को प्रोटोकॉल के अंतर्गत निस्तारण की कार्यवाही विशेष सतर्कता बरतते हुए सावधानी एवं संवेदनशीलता से अमल में लाई जाए।

बैठक में विधायक बिथरी चैनपुर डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि, जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. ललित कुमार, जिला पंचायतराज अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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