BareillyLive. प्रदेश में नवग्रह और नक्षत्र वाटिकाओं की स्थापना की जानी चाहिए। यह मांग करते हुए बरेली के श्रींसाई मंदिर श्यामगंज के संचालक पंडित सुशील पाठक ने वन राज्य मंत्री डॉ अरुण कुमार को एक पत्र सौंपा है। बता दें कि पण्डित सुशील पाठक ने अपने मन्दिर में नवग्रह वाटिका की स्थापना की है। इसमें सभी नवग्रहों से सम्बन्धित पौधे लगाये हैं।

सुशील पाठक ने अपने पत्र में लिखा है कि माँ प्रकृति की आराधना और सानिध्य हमारे अस्तित्व के लिए अपरिहार्य है। ’एक पेड सौ पुत्र समान’ हमारी भारतीय संस्कृति और धर्म की मान्यता है। उन्होंने पत्र में बताया कि मैंने एक छोटी ईकाई के रूप में सर्वप्रथम अपने श्यामगंज साई मंदिर में सभी नक्षत्रों एवं नवग्रहों से जुडे़ पौधों की एक वाटिका निर्मित की। फिर शहर के गांधी उद्यान में एक नक्षत्र और ग्रह वाटिका तैयार करायी जो आज फल फूल रही है। ये सभी आगंतुको को आकृष्ट करते हुए पर्यावरण के प्रति प्रेरणा देती है।

उन्होंने नगर निगम, नगर पालिकाओं तथा वन एवं पर्यावरण विभाग के संयुक्त नेतृत्व में पूरे प्रदेश के सभी महानगरों तथा जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर नक्षत्र तथा नवग्रह वाटिकाओं का निर्माण कराने की मांग की है। कहा है कि आयुर्वेद से जुडे़ व्यक्तियों तथा वनस्पति शास्त्र के विद्यार्थियों के लिए भी ऐसी वाटिकाएं अध्ययन मनन तथा इसके विस्तार का उपयोगी उपकरण सिद्ध होंगी। उन्होंने नक्षत्र तथा नवग्रह वाटिकाओं के लिए मानक वृक्षों एवं पौधों की सूची भी पत्र में संलग्न की है। इस पर वन राज्य मंत्री डॉ अरुण कुमार ने विचार करने का आश्वासन दिया है।

नक्षत्र एवं ग्रहों से जुडे मानक एवं मान्य पौधों एवं वृक्षो की सूची

1. अश्विनी के लिए कोचिला, 2. भरणी के लिए आंवला, 3. कृतिका के लिए गुलहड़ गूलर, 4. रोहिणी के लिए जामुन, 5. मृगशिरा के लिए खैर, 6. आद्र्रा के लिए शीशम, 7. पुनर्वसु के लिए बांस, 8. पुष्य के लिए पीपल, 9. अश्लेषा के लिए नागकेसर ,चंदन, 10. मघा के लिए बट, 11. पूर्वा के लिए पलाश ढाक, 12. उत्तरा के लिए पाकड़, 13. हस्त के लिए रीठा, 14. चित्रा के लिए बेल, 15. स्वाती के लिए अर्जुन, 16. विशाखा के लिए नीम, 17. अनुराधा के लिए भालसरी मौलसिरी, 18. ज्येष्ठा के लिए चीर रीठा, 19. मूल के लिए शाल, 20. पूर्वाषाढ़ के लिए अशोक, 21. उत्तराषाढ़ के लिए कटहल, 22. श्रवण के लिए आक, 23. धनिष्ठा , के लिए शमी सेमर, 24. शतभिषा के लिए कदम्ब, 25. पूर्वाभाद्रपद के लिए आम, 26. उत्तराभाद्रपद के लिए नीम, 27. सोनपाठा और रेवती नक्षत्र के लिए उपयुक्त फल देने वाला महुआ पेड़ उत्तम बताया गया है।

नवग्रहों के लिए विशेष पौधेः

1. सूर्य के लिए-सफेद मदार।, 2. चन्द्रमा के निमित्त-पलाश।, 3. मंगल के लिए खदिर (खैर) अथवा शिशिर।, 4. बुध के लिए अपामार्ग (चिचिड़ा या चिरचिटा)।, 5. बृहस्पति के लिए अश्वत्थ (पीपल)।, 6. शुक्र के लिए गूलर।, 7. शनि के निमित्त-शमी।, 8. राहु के लिए चन्दन और दूर्वा।, 9. केतु के लिए असगंध अर्थात् कुश।

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