बरेली लाइव। कवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में स्थानीय साहूकारा में वरिष्ठ कवि उमेश त्रिगुणायत अद्भुत के संयोजन में काव्य संध्या का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता संस्थाध्यक्ष रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने की। मुख्य अतिथि एस.ए.हुदा सोंटा एवं विशिष्ट अतिथि डॉ शिव शंकर यजुर्वेदी रहे। कार्यक्रम का संचालन राज शुक्ल गजलराज ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के सम्मुख प्रज्ज्वलन से किया गया। मां शारदे की वंदना उमेश त्रिगुणायत अद्भुत ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम में साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए युवा शायर एवं कवि आनंद पाठक को काव्य रत्न सम्मान से अलंकृत किया गया उनको सम्मानित संस्था के सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने किया। कार्यक्रम में कवियों और शायरों ने अपने काव्य पाठ से देर शाम तक समा बाँधे रखा। आनंद पाठक ने पढा कि,

वो जो करते हैं कराते हैं करा भी देंगे

एक दीवार तेरे घर में उठा भी देंगे।

शातिरों की है ये बस्ती तू सँभल कर रहना

ये किसी रोज कहीं तुझको फंसा भी देंगे।

उमेश त्रिगुणायत”अद्भुत” ने पितृ पक्ष पर सुनाया कि,

आवाहन जौं तिल से तर्पण, पूजन ताख दिया रक्खे।

खीर कचौड़ी छत पर कुछ ने, कुछ ने मालपुआ रक्खे।

बोले पितृ ये संतानों ने, नाम कमाने की ख़ातिर,

कौआ चींटी गाय हमारे, रूप यहाँ क्या क्या रक्खे।

कार्यक्रम में हिमांशु श्रोतीय निष्पक्ष, सुभाष रावत ‘राहत बरेलवी’, पृथ्वीराज सिंह आनंदित, ठा. राम प्रकाश सिंह ओज, सत्यवती सक्सेना, राम कुमार भारद्वाज अफरोज, डॉ राम शंकर शर्मा प्रेमी, रामकृष्ण शर्मा, प्रताप मौर्य , सत्यवती सिंह सत्या एवं रीतेश साहनी आदि उपस्थित रहे।

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