नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35ए हटाए जाने के बाद से लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर रही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को अचानक यू-टर्न लेते हुए सरकार का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। इस मामले में पाकिस्तान या किसी दूसरे देश के दखल देने की कोई जगह नहीं है। कश्मीर में हिंसा पाकिस्तान द्वारा उकसाए जाने की वजह से हो रही है। पाकिस्तान दुनिया भर में आतंकवाद का प्रमुख समर्थक है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल के इस यू-टर्न की दो वजह हैं- एक, इस मामले में सरकार को मिल रहे अपार जनसमर्थन की वजह से “सेल्फ गोल” की जैसी स्थिति बन जाने का डर और दूसरा, पाकिस्तान द्वारा इस मामले में कांग्रेस के स्टैंड का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने हित के लिए इस्तेमाल की कोशिश करना। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका तब लगा तब राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं को स्थानीय प्रशासन द्वारा श्रीनगर एयरपोर्ट से लौटाए जाने के बाद पाकिस्तान राहुल गांधी को कश्मीर मामले में अपने “पोस्टर ब्वॉय” की तरह इस्तेमाल करने लगा।
राहुल गांधी ने बुधवार को एक के बाद एक दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “मैं कई मसलों पर सरकार से असहमत हूं लेकिन यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है। इसमें पाकिस्तान या फिर किसी दूसरे देश के हस्तक्षेप करने की कोई जगह नहीं है।”
दूसरे ट्वीट में राहुल ने कहा है, “कश्मीर में हिंसा पाकिस्तान द्वारा उकसाए जाने की वजह से हो रही है। पाकिस्तान दुनिया भर में आतंकवाद का प्रमुख समर्थक है।”
इससे पहले 24 अगस्त को राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर पहुंचा था। हालांकि, एयरपोर्ट पर भारी हंगामे के बाद सभी को वापस दिल्ली भेज दिया गया। तब राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कश्मीर में लोकतंत्र की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद करने की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि वह कश्मीर के हालात का खुद जायजा लेंगे।
राहुल गांधी ने श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोके जाने का एक वीडियो भी ट्वीट किया था। इसमें वह यह कहते हुए दिखाई दिये कि “मुझे राज्यपाल ने आमंत्रित किया था… अब मैं आया हूं तो बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई और मुझे रोका जा रहा है।” राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि उस वक्त मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी की गई थी।