नई दिल्ली। अंतरिक्ष में ऐसे हजारों एस्टेरॉयड मौजूद हैं जो धरती से टकरा जाएं तो भारी तबाही ला सकते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 2000 QW7 नाम के एक ऐसे एस्टेरॉयड का पता लगाया है जो धरती के लिए मुसीबत बन सकता है। नासा के अनुसार दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई की बुर्ज खलीफा की ऊंचाई के बराबर का ये एस्टेरॉयड तेज गती से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि अगर यह पृथ्वी से टकराया तो पूरी दुनिया में भारी तबाही आ सकती है।
नासा के अनुसार यह एस्टेरॉयड 23,100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा है और 14 सितंबर को लगभग 5.3 मिलियन किलोमीटर की दूरी से धरती के पास से गुजरेगा। अविश्वसनीय रूप से इसका आकार 1,250 फुट है जो की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग की ऊंचाई से लगभग दोगुना है।
भले ही इसे पृथ्वी के निकट माना जा रहा है लेकिन यह अभी भी काफी दूरी से गुजरेगा। 2000 QW7 पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से लगभग 13.87 गुना अधिक दूरी से गुजरेगा। वैज्ञानिकों ने इसे अटेन श्रेणी में रखा है जिसका अर्थ है कि यह धरती के नजदीक से गुजरने वाला एस्टेरॉयड है।
अगर कोई एस्टेरॉयड 149.6 मिलियन किलोमीटर के भीतर से गुजरता है तो उसे धरती के निकट माना जाता है लेकिन एस्टेरॉयड 2000 QW7 5.3 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। ऐसे में नासा ने चेतावनी जारी की है। आखिरी बार एक सितंबर 2000 को यह पृथ्वी के पास देखा गया था। इसके बाद यह एस्टेरॉयड अगली बार 19 अक्टूबर 2038 में धरती के पास से गुजरेगा।
वर्ष 2013 में चेलियाबिंस्क में एक छोटा पिंड टकराया था जिसकी वजह से 66 फीट गहरा गड्ढा हो गया था। यह टक्कर दक्षिणी यूराल क्षेत्र में हुई थी जिसके कारण करीब 1500 लोग घायल हो गए थे और संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा था। यह इतनी तेज घटना थी जिसे लोग समझ ही नहीं पाए थे।
क्या होते हैं एस्टेरॉयड
हमारे सौरमंडल में मंगल और बृहस्पति ग्रह की कक्षाओं के बीच एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें छोटे-बड़े हजारों खगोलीय पिंड मौजूद हैं। इन्हें एस्टेरॉयड के नाम से जाना जाता है। इनमें एक खगोलीय पिंड तो 950 किलोमीटर व्यास का है। एस्टेरॉयड सूर्य की परिक्रमा करते हैं। हमारे सौरमंडल में अलग-अलग आकार के करीब एक लाख एस्टेरॉयड मौजूद हैं।