Raju Srivastav Funeral, पंचतत्व में विलीन हुआ राजू श्रीवास्तव, राजू श्रीवास्तव, कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव,

BareillyLive, नयी दिल्ली। दुनिया को हंसाने वाले कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव सबको रुलाकर चले गये। 40 दिन तक बीमारी से लड़ते हुए राजू श्रीवास्तव ने बुधवार की सुबह करीब सवा दस बजे अंतिम सांस ली। आज उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। राजू श्रीवास्तव के बेटे आयुष्मान ने राजू श्रीवास्तव को मुखाग्‍नि दी और राजू श्रीवास्तव पंचतत्व में विलीन हो गए। अक्षय कुमार से कपिल शर्मा तक और पीएम नरेंद्र मोदी से राष्ट्रपति तक ने राजू श्रीवास्तव को सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी।

राजू श्रीवास्तव ने अपनी मेहनत के दम पर अपने लिए एक बड़ा मुकाम हासिल किया था। राजू, बीती 10 अगस्त से एम्स में भर्ती थे और 21 सितंबर को उनका निधन हो गया था। जहां सोशल मीडिया पर फैन्स और सेलेब्स श्रद्धांजलि दे रहे हैं तो दूसरी ओर श्मशान घाट में भी फैन्स का भारी हुजूम देखने को मिला। उनके प्रशंसकों ने राजू को अंतिम बार राम-राम की। अलविदा राजू, ईश्वर आपको अपने श्री चरणों में स्थान दें।

दिल के मरीज थे राजू: राजू के अंतिम संस्कार में मौजूद डॉक्टर विवेक ने ‘जी एनसीआर- हरियाणा’ से बातचीत में कहा कि राजू श्रीवास्तव दिल के मरीज थे। राजू कभी अपनी समस्याएं नहीं बताते थे। 7 अगस्त को राजू ने डॉक्टर विवेक के साथ खाना खाया था। विवेक के पूछने पर भी उन्होंने नहीं कहा था कि उनकी तबीयत में दिक्कत है। विवेक ने कहा- ‘अगर मुझे राजू बताते कि उन्हें दिकक्त है, तो मैं सबसे पहले उन्हें जिम का मना करता।’ इसके साथ ही विवेक ने ये भी बताया कि राजू ने उनके घर में हंसी मजाक भी किया था।

आइकॉनिक हो गया ‘गजोधर भैया’ का किरदार: राजू श्रीवास्तव ने कुछ फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार भी किए। मसलन ‘तेजाब’ (1988), ‘मैंने प्यार किया’ (1989) और ‘बाजीगर’ (1993) में उन्हें देखा गया था। उन्होंने 1990 के दशक में दूरदर्शन के मशहूर शो ‘शक्तिमान’ में भी काम किया था। हालांकि 2005 में ‘द ग्रेट इंडिया लाफ्टर चैलेंज’ नामक शो से उन्हें और ज्यादा पहचान मिली।  वह खुद को एक आलसी ग्रामीण किरदार ‘गजोधर भैया’ के रूप में प्रस्तुत करते थे और उनके प्रशंसक उन्हें इस नाम से भी पुकारते थे।

कैसे बने थे गजोधर भैया: राजू श्रीवास्तव ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता है। राजू के कैरेक्टर गजोधर भैया को दर्शकों का खूब प्यार मिला था। हालांकि इस नाम का किस्सा भी मजेदार है। दरअसल राजू, बचपन में अपने मामा के यहां जाते थे और तब वो जिस नाई से बाल कटवाते थे, उसका नाम गजोधर था। उस नाई से ही राजू ने गजोधर भैया का किरदार डेवलेप किया।

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