BareillyLive: कैन्ट के बी आई बाजार में चल रही पर्वतीय समाज की रामलीला में आज राम भरत मिलाप , शुपर्नखा नासिका छेदन , खर दूषड़ वध सीता हरण , जटायु मरण, राम विलाप, सीता की खोज, सुग्रीव मैत्री, बाली वध, हनुमान रावण संवाद का मंचन हुआ!
लीला में दिखाया गया कि किस तरह अपने पिता दशरथ की मृत्यु पर भरत शोक में डुब जातें हैं वही दुसरी ओर अपनी माँ कैकेयी के कृत्य पर उनसे अत्यधिक क्रोधित हो स्वयं को इस सब का जिम्मेदार मान आत्मग्लानि से लज्जित होते हैं! वही शत्रुघन इस सब की सुत्रधार कुबडी मंथरा को क्रोधित हो लात मार के महल से निकाल देते हैं! फिर दोनों भाई सभी माताओं और गुरु वशिष्ठ के साथ श्री राम को वापस लेने वन जातें हैं और वहाँ पहुँच श्री राम से वापस अयोध्या चल राज्य संभालने का आग्रह करते हैं लेकिन राम उन्हें पिता की आज्ञा का पालन करने का आदेश दे वापस जाने के लिए कहते हैं! इस पर भरत उनके चरण पादुका लेकर दृवित हृदय से लौट आते हैं और सिंहासन पर चरण पादुका रख उनका अनुसरण करते हैं!

उधर रावण की बहन शुपर्नखा पर्णकुटी पहुँचती है और राम लक्षमण पर मोहित हो उन्हें विवाह के लिए रिझाने का प्रयास करती है! जिसमें विफल होने पर वो सीता जी पर आक्रमण करती है ओर तभी लक्षमण राम के संकेत पाकर शुपर्नखा की नाक काट देते हैं! दर्द और अपमान से छटपटाती वो खर दूषड़ को उकसा कर युद्ध के लिए भेज देती है जहाँ युद्ध में दोनों मारे जाते हैं! फिर वह रावण के पास जाकर रावण को सीता हरण के लिए उकसाती है और रावण अपने मामा मारीच को कपटी स्वर्ण मृग बना सीता हरण कर लेता है!

आज की लीला के माध्यम से संदेश दिया गया कि किस तरह जहाँ एक पुत्र अपने पिता के वचन निभाने के लिए खुशी से वन की दुर्गम राह चुन लेता है वही एक भाई अपने बड़े भाई का आदर करते हुए उसके चरण पादुका को माध्यम बना बडे़ भाई की आज्ञा का पालन करता है! आज की लीला में रावण की भूमिका में चन्द्र प्रकाश जोशी, राम धर्मेश, सीता भरत भाष्कर, लक्षमण हर्षित मेहता रहे! लीला के मुख्य अतिथि कर्नल एम सी पंत (सेवा निवृत्त) और डिकर सिंह बिष्ट, इन्द्र सिंह बिष्ट, अतुल डालाकोटी, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, दिनेश जोशी, तारा जोशी आदि का विशेष रूप से सहयोग रहा!
————————– साभार संजय सिंह

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