BareillyLive: आंनद आश्रम में चल रहे वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन सत्संग प्रवचन के प्रातःकालीन सत्र में श्री 108 स्वामी ज्योतिर्मयानंद महाराज ने कहा जीव मात्र के बंधन एवम मुक्ति का कारण अपना मन है बंधन मन ने ही स्वीकार किया है इसलिए साधना के द्वारा मन को मुक्त कराया जा सकता है संसार को जीतना सरल है लेकिन मन पर विजय प्राप्त करना कठिन है। मन सदा चलायमान रहता है, मनुष्य को स्वयं मन के बंधन मे नहीं रहना चाहिए बल्कि उसे अपने अनुसार ही चलाना चाहिए।

सायंकालीन सत्र में हरिद्वार धाम से पधारे स्वामी अक्ष्यानंद महाराज ने सत्संग महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि सत्संग जीवन जीने की कला में सुधार ला देता है सत्संग दृष्टि बदलता है सृष्टि नहीं यह हमारी मनःस्थिति को सुंदर बनाता है भले परिस्थिति कैसी भी रहे। राय बरेली से पधारे स्वामी विज्ञानानंद महाराज के द्वारा कृष्ण भक्ति एवं गोपियों के निःस्वार्थ प्रेम का सुंदर उपदेश दिया गया। गोपियों का मन कृष्ण के रंग में इतना रंग गया उनके मन में कृष्ण ही कृष्ण रहते थे। बांदा से पधारे पंडित यज्ञेश जी महाराज के द्वारा रामायण का सुंदर उपदेश देते हुए बताया गया कि भगवान शिव अपना अनुभव बताते हुए मां पार्वती को संदेश देते हुए कहते हैं कि सत हरी भजन जगत सब सपना है। गया से आए पंडित विरद शर्मा जी के द्वारा सुंदर मंच संचालन किया गया।

मंत्री नरसिंह मोदी ने बताया कि संत सम्मेलन 9 अक्टूबर तक चलेगा। इस अवसर पर रविवार की शाम को दमा की दवा का वितरण भी किया जाएगा। देवा तिवारी, दुर्गेश द्विवेदी, सचिन शर्मा, रवि शंकर दीक्षित, अनुज अग्रवाल, सर्वेश अग्रवाल, अनिल अग्रवाल सीए विजय अग्रवाल, अनिल गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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