Astro Desk_BareillyLive. बरेली: इस बार कार्तिक अमावस यानि दीपावली के दिन मंगलवार यानि 25 अक्टूबर 2022 को सूर्यग्रहण होगा। इस कारण इस दिन गोवर्धन पूजा नहीं होगी और नाहीं इस दिन होग़ा अन्न कूट उत्सव। गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव 26 अक्टूबर 2022, बुधवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा के अनुसार यह खण्डग्रास सूर्य ग्रहण लगभग सम्पूर्ण भारतवर्ष में ग्रस्तास्त खण्ड ग्रहण के रूप में दिखाई देगा अर्थात भारत में ग्रहण के मोक्ष (समाप्ति) होने से पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा। यह सूर्यग्रहण हम सभी को प्रभावित करेगा। प्रत्येक राशि पर सूर्यग्रहण का प्रभाव अलग-अलग होगा।
ग्रहण प्रारम्भ :- अपराह्न 2ः15 बज़े
ग्रहण मध्य (परम ग्रास)ः-अपराह्न 4ः30 बज़े
ग्रहण समाप्त :– सांय 6ः32 बज़े
(ग्रहण का ग्रासमान :-0-861, ग्रहण अवधि :-4 घंटे 03 मिनट
-बरेली एवं आसपास के शहरों में सूर्यग्रहण 2022 समय का विवरण-
-ग्रहण प्रारम्भ समय :- सांय 4ः31 बज़े
-सूर्यास्त (मोक्ष) :- सांय 5ः31 बज़े
-ग्रास मान :–——-ः- 0.531
ग्रहण का सूतकः- इस ग्रहण का सूतक 25 अक्टूबर 2022, मंगलवार के सूर्योदय से पहले रात्रि 2ः29 बज़े से प्रारम्भ हो जागेगा।
-दिनांक 25 अक्टूबर 2022 को सभी देव स्थानों के पट बंद हो जाएंगे।
पर्वकालः- क्योंकि यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत में ग्रस्तास्त होग़ा, इसलिए ग्रहण का पर्वकाल सूर्यास्त के साथ ही समाप्त हो जागेगा।
कार्तिक अमावस तथा मंगलवार (भौमवती) अमावस को सूर्य ग्रहण घटित होने से इस दिन तीर्थस्नान,दान, तर्पण, श्राद्ध आदि का विशेष अनंत महातम्य होग़ा
ग्रहण राशि फलः- यह ग्रहण स्वाति नक्षत्र तथा तुला राशि में घटित होगा। अतएव इस राशि में उत्पन्न लोगों के लिए यह विशेष अशुभफलकरक होग़ा।अतः इस राशि वालों को ग्रहण-दान,पाठ,आदित्यहृदय स्तोत्र, सूर्याष्ठक स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से करना चाहिए। स्मृतिनिर्णय के अनुसार सूर्य ग्रहण में सूर्य का जप व दान और चंद्र ग्रहण में चंद्र एवं राहू का जप व दान करना चाहिए।
सूर्यग्रहण का फलः-
मेष राशिः- स्त्री/पति कष्ट
वृष राशि :- रोग/गुप्त चिंता
मिथुन राशि :- कार्यों में विलम्ब
कर्क राशि :- कार्य सिद्दी
सिंह राशि :- धन लाभ
कन्या राशि :- हानि
तुला राशि :- घात
वृश्चिक राशि :- हानि
धनु राशि :- लाभ, उन्नति
मकर राशि :- सुख
कुम्भ राशि :- अपमान
मीन राशि :- कष्ट
ग्रहण का अन्य फल :- सूर्य ग्रहण ग्रास्तोदय अथवा ग्रस्तास्त हो तो श्रेष्ठ एवं उत्तम राजा को भी भय।
यह सूर्य ग्रहण कार्तिक अमावस्या, मंगलवार को स्वाति नक्षत्र, प्रीति योग तथा तुला राशिकालीन घटित हो रहा है। देश में दूरभिक्ष का भय रहे।
नक्षत्र फल :- स्वाति नक्षत्र में ग्रहण होने से व्यापारी वर्ग एवं सोना-चांदी के व्यापारी को लाभ होग़ा।
वार फल :- मंगलवार को ग्रहण होने से कपास, सूत आदि में भारी तेज़ी।
ग्रहण काल में क्या करें, क्या न करेंः-
ग्रहण के सूतक और ग्रहण काल में स्नान, दान, जप – पाठ, मंत्र, स्तोत्र पाठ एवं अनुष्ठान, तीर्थ स्नान, ध्यान, हवनादि शुभ कार्य करना कल्याणकारी होता है।
जब ग्रहण का प्रारम्भ हो, तो स्नान,जप,मध्यकाल में होम, देव पूजा और ग्रहण का मोक्ष समीप होने पर दान तथा पूर्ण मोक्ष होने पर स्नान करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य की पूजा, आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्याष्टाक स्तोत्र आदि सूर्य स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए। पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्ज़ी ग्रहण काल में दूषित हो जाती है परन्तु तेल या घी में पका अन्न, घी, तेल, दूध, दही, लस्सी, मक्खन, पनीर अचार, चटनी, मुरब्बा आदि में तेल या कुशा रखने से यह ग्रहण काल में दूषित नहीं होते। सूखे खाद्य पदार्थों में तिल अथवा कुशा डालने की आवश्यकता नहीं। ग्रहण काल में सोना, खाना-पीना, तैल-मर्दन, मैथुन, मूत्र, पुरीशोत्सर्ग वर्जित है, नाख़ून भी नहीं काटने चाहिए।
ग्रहण वेळा में सभी जलों का महत्व गंगाजल समान माना गया है। जो गंगा, यमुना आदि पवित्र स्थलों में न जा सकें वे अपने गृह पर ही गंगा आदि के स्मरण पूर्वक स्नान कर अन्य पूजादि धर्म कृतयों को संपन्न कर सकते हैँ।सूर्य ग्रहण पर हरिद्वार, कुरुक्षेत्र, प्रयाग आदि तीर्थ पर स्नान, दान, तर्पण आदि का विशेष महात्मय होता है।
ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा
बालाजी ज्योतिष संस्थान,बरेली