BareillyLive: अयोध्या की राम नगरी में 23 अक्टूबर 2022 रविवार को छठे दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीप जलाने की शुरुआत के बाद सरयू तट – राम की पेड़ी पर 15.76 लाख सहित कुल 18 लाख से अधिक दिए इस बार प्रज्वलित हुए।अयोध्या में लेजर लाइट एवम आतिशबाजी कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। इससे पूर्व मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ रामलला के चरणों में अपना शीश नवाया और भगवान राम -सीता की आरती की। अयोध्या नगरी दियों एवम लेजर शो के प्रकाश से जगमग रही। स्मरण रहे अयोध्या में श्री राम मंदिर शिलान्यास और भूमि पूजन के बाद 5 अगस्त 2020 के बाद अब 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरी बार अयोध्या का दौरा था। प्रधानमंत्री मोदी ने हेलीकाप्टर से आए राम सीता के स्वरूपों का आरती कर राज्याभिषेक भी किया। उन्होंने कहा राम ने त्रेता युग में पूरे विश्व को दया, मानवता, सब को साथ लेकर चलने का संदेश दिया था। उन्होंने कहा की अयोध्या सांस्कृतिक नगरी है जैसे राम सब के हैं उसी तरह अब अयोध्यावासियों की भी जिम्मेदारी है कि यहां भविष्य में आने वाले करोड़ों रामभक्तों की भी वह सेवा करें। यही वास्तव में राम राज्य है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा की मोदी जी ने उत्तराखंड में बद्री = केदार नाथ के लिए भी करोड़ों रुपए की परियोजनाएं भी काशी महाकाल की तर्ज पर शुरू की हैं। रविवार 23 अक्टूबर 2022 को प्रभु राम का राज्याभिषेक भी हुआ। अयोध्या के राम कथा पार्क को प्रभु राम के राज्याभिषेक की तर्ज पर और राम दरबार की तरह मंच सजाया गया था । इस बार के छठे दीपोत्सव में राम की पैड़ी और सरयू घाट एवम आरती स्थल के 3 दर्जन से ज्यादा घाटों पर 15.76 लाख दिए जलाकर रिकार्ड बनाया गया जो गिनीज बुक में दर्ज होगा। स्मरण रहे अयोध्या के पांचवे दीपोत्सव पर 9 लाख 41हजार 551 दीप जलाकर गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज हुआ था। राम की पैड़ी पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का लाइट एंड साउंड लेजर लाइट की जगमग और आतिशबाजी भी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरयू घाट पर जाकर मां सरयू की आरती भी की। अयोध्या में 2022 के छठे दीपोत्सव रामनगरी में 25 से अधिक तोरणद्वार बनाए गए थे जो राम कथा की थीम को दर्शा रहे थे। रामायण के पात्रों के नाम पर तोरण द्वार तैयार हुए थे। रामनगरी अयोध्या के विकास को लेकर जो विजन डॉक्यूमेंट 2047 बनाया गया है जिसके तहत अयोध्या में करीब 20 हजार करोड़ की योजनाओं पर भी काम चल रहा है। राम मंदिर के अलावा पांच ऐसे प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है, जो कि धार्मिक नगरी अयोध्या की शक्ल ही बदल देंगे।

राम नगरी में श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई असुविधा ना हो इसको लेकर 4 पथ का निर्माण किया जा रहा है। सुग्रीव किला से राम जन्मभूमि तक लगभग 600 मीटर लंबा पथ निर्माण किया जा रहा है जिसका निर्माण जनवरी 2022 से शुरू हुआ था और दिसंबर तक इसको पूरा करने का प्रयास है। 39 करोड़ रुपए की इस योजना पर कार्य जारी है। रामनगरी अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट का निर्माण भी भरतपुर के गुलाबी पत्थर से राम मंदिर के मॉडल पर किया जा रहा है। दिसंबर 23 तक श्री राम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज का काम भी पूरा हो जाएगा। स्मरण रहे अयोध्या में रामलला के जन्म स्थल पर भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। रामलला के गर्भगृह का निर्माण का 45 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो गया है। गर्भगृह के निर्माण में तराशे गए पत्थरों को एक के बाद एक सात सतह में लगा दिया गया है। राम मंदिर निर्माण की प्रगति पर बात करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि पत्थरों से निर्माण किए जा रहे मंदिर का संपूर्ण कार्य एक साथ किया जा रहा है। राम मंदिर के प्रथम तल में प्रवेश द्वार से लेकर सिंह मंडप तक गर्भगृह के साथ निर्माण किए जाएंगे। सूत्रों की अगर माने तो 166 स्तंभों का निर्माण कार्य भी शुरू किया जाना है जिसको लेकर गर्भगृह समेत पूरे मंदिर के प्रथम तल निर्माण को बारीकी से कराया जा रहा है। मंदिर दीर्घायु हो इस वजह से वैज्ञानिक पद्धति से इसे बनाया जा रहा है। जिसके लिए जरूरी है कि मंदिरों की हर एक परत एक तरह की हो। जिसमें अंशभर का भी अंतर नहीं हो। इस वजह से तय मानक के अनुरूप मंदिर निर्माण एक्सपर्ट की देखरेख में चल रहा है। राम जन्मभूमि में रामलला का मंदिर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होगा। मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य चल रहा है जिसको लेकर कार्यदाई संस्था लार्सन एंड टूब्रो (एल एन टी) और टाटा के इंजीनियर 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। राम मंदिर निर्माण में भूतल पर पूरब – पश्चिम दिशा में लंबाई 380 फिट है। भूतल पर उत्तर दक्षिण दिशा में चौड़ाई 250 फीट है जिसमें भरतपुर के गुलाबी बलुआ पत्थर के 166 स्तंभ, प्रथम तल में 144 और दूसरे तल में 82 स्तंभ बनाए जाएंगे यानी मंदिर में कुल 392 स्तंभ होंगे। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने पत्रकारों से कहा कि पत्थर से बनाए जा रहे मंदिर का संपूर्ण काम एक साथ किया जाता है। पत्थर से बनाये जाने वाले मंदिर के निर्माण का काम टुकड़ों में नहीं किया जाएगा। इसलिए राममंदिर के प्रत्येक तल का निर्माण एक साथ हो रहा है। जिसमें प्रमुख तौर पर गर्भ गृह के साथ प्रवेश द्वार, रंग मंडप बनाया जा रहा है। प्रथम तल के निर्माण के बाद उसकी जांच की जाएगी। गर्भगृह के ऊपरी तल पर भी मूर्ति लगाई जानी हैं ताकि गर्भगृह पर भक्तो के पैर नहीं पड़ सके । ट्रस्ट के महासचिव ने दावा किया कि पत्थर से निर्मित किए जाने वाले मंदिर की हर मंजिल में सतह एक सी होगी। नक्काशीदार पत्थरों की सात सतह एक के ऊपर एक रखी जा चुकी है। मंदिर के निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। ————-साभार वरिष्ठ पत्रकार निर्भय सक्सेना

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