शाहजहांपुर। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाने वाली उनके लॉ कॉलेज की छात्रा के माता-पिता को दिल्ली पुलिस अपने साथ ले गई। शनिवार को दिल्ली पुलिस यहां पहुंची और कड़ी सुरक्षा में छात्रा के माता-पिता और भाई-बहन को दिल्ली ले गई। छात्रा की बरामदगी के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस की टीम उसके माता-पिता को लेने पहुंची थी। छात्रा का कहना है कि उसे उत्तर प्रदेश में डर लगता है।
छात्रा के माता- पिता ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश देखे बिना दिल्ली पुलिस के साथ जाने से मना कर दिया। इस पर दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर ने कहा कि आदेश उनके मोबाइल में है। इस पर छात्रा के पिता ने अपने बेटे के वाट्सएप नंबर पर यह आदेश मांगा। करीब 12 बजे दिल्ली के मंदिर मार्ग थाना के एसएचओ विक्रमजीत सिंह दो गाड़ियों से पुलिस टीम के साथ छात्रा के घर पर पहुंचे थे। करीब एक घंटे बाद छात्रा के माता-पिता, भाई और बहन को लेकर पुलिस दिल्ली के लिए चली गई।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शनिवार दोपहर शाहजहांपुर पहुंची दिल्ली पुलिस ने एलएलएम छात्रा के माता और पिता से मुलाकात की। माता और पिता को पुलिस टीम ने कोर्ट का आर्डर दिखाया। इसके बाद छात्रा के माता-पिता और भाई दिल्ली के लिए पुलिस टीम के साथ रवाना हो गए।
पूर्व गृहराज्यमंत्री व एसएस लॉ कॉलेज के सर्वेसर्वा स्वामी चिन्मयानंद पर एलएलएम छात्रा ने वीडियो वायरल कर गंभीर आरोप लगाए थे। इस दौरान 23 अगस्त से छात्रा लापता भी हो गई थी। कॉलेज के हास्टल में छात्रा के कमरे में ताला पड़ा था। छात्रा के पिता ने वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शाहजहांपुर चौक कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया था। इसके बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में ले लिया था। पुलिस ने छात्रा और उसके दोस्त को राजस्स्थान के दौंसा जिले से शुक्रवार को बरामद किया था। इसके बाद छात्रा को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया जहां छात्रा ने अपने माता-पिता से मिलने के बाद ही बयान देने की बात कही थी, साथ ही कहा था कि उसे यूपी में डर लगता है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने छात्रा को तीन दिन के लिए दिल्ली में रोकने की व्यवस्स्था की। दिल्ली पुलिस को उसकी सुरक्षा में तैनात किया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को ही आदेश दिया कि छात्रा के माता और पिता को वह अपनी सुरक्षा में शाहजहांपुर से दिल्ली लेकर आए। दिल्ली पुलिस दो गाड़ियों से शनिवार दोपहर 12.25 बजे यहां छात्रा के घर पहुंची। कुछ देर तक माता-पिता से बातचीत की। इसके बाद पिता के कहने पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें कोर्ट का आर्डर दिखाया। फिर माता-पिता, भाई और छोटी बहन दिल्ली पुलिस की गाड़ी से ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। शहर से निकलने के बाद पिता को याद आया कि वह एक बैग घर पर ही भूल गए हैं। उन्होंने किसी को फोन किया, उसने बैग ले जाकर गर्रा पुल पर दिया। दिल्ली पुलिस टीम में 10 लोग थे जिसमें एक महिला इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर विक्रमजीत सिंह भी थे। पीड़िता के परिवार को ले जाते समय दोनों रोड ब्लॉक कर दी गई थीं।
बेटी से मिलने के बाद ही अब कुछ कह पाऊंगा
छात्रा के पिता ने कहा कि डर तो अभी बना हुआ है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में आ जाने से हमें न्याय की उम्मीद दिखने लगी है। कहा कि बेटी से जाकर विचार विमर्श करेंगे, तभी वह बयान देगी। पिता ने यह भी कहा कि अभी हमें यह नहीं पता है कि बेटी के पास कौन से सबूत हैं। अब उससे दिल्ली में मुलाकात के बाद ही पता चल सकेगा कि पूरा मामला है क्या। उन्होंने कहा कि बेटी से बात होने के बाद और कोर्ट में बयान होने के बाद ही मीडिया से बात करेंगे।